समझदार बंदर और लालची राजा | The Wise Monkey Story (Hindi Panchatantra Story)

समझदार-बंदर
समझदार बंदर

समझदार बंदर और लालची राजा | Podcast

एक समय की बात है एक नगर के राजउद्यान में बहुत सारे बन्दर थे, और राजकुमारों को भी बन्दरों के साथ खेलना बहुत अच्छा लगता था। उन बन्दरों का सरदार बड़ा समझदार था। वह सब बन्दरों को नीतिशास्त्र के आलावा अलग अलग शास्त्र पढ़ाया करता था, राजउद्यान के सारे बन्दर अपने सरदार की बहुत इज़्ज़त करते थे, और उसकी हर आज्ञा का पालन भी करते थे।

ये भी पढ़े घमंडी हाँथी और चींटी

उसी नगर में सबसे छोटे राजकुमार के वाहन खींचने के लिये कई भेड़े भी पाली गयी थी। उन भेड़ो में से एक भेड़ बहुत लालची और पेटू थी। उसको जब भी मौका मिलता वो रसोई में घुस कर सब कुछ खा लेती थी। रसोइये उस भेड़ को डंडो से पीट पीट का बाहर निकाल देते थे, लेकिन इतना होने के बावजूद भी वो अपनी आदत से बाज नहीं आती थी।

ये भी पढ़े चालाक लोमड़ी और अंगूर

बंदरो के सरदार ने जब ये सब देखा तो वह चिन्तित हो गया। उसने सोचा यह भेड़ कही किसी दिन सारे बंदरो के नाश का कारण ना बन जाये? ‘हो सकता है की किसी दिन कोई नौकर उस भेड़ को जलती लकड़ी से मारे, जिसकी वजह से उसके ऊन में आग लग जायगी उस आग से बचने के लिए वो  घुड़साल में घुस जायगी और वह कर आग लगा देगी। इस आग की वजह से कई घोड़े जल जायंगे और काफी घायल हो जायेंगे। उन बचे हुए घोड़ो को बचाने और जलन के घावों को भरने के लिये बन्दरों की चर्बी की मांग पैदा होगी। तब, हम सब मारे जायंगे।’

ये भी पढ़े लोमड़ी और कौवे की कहानी

भविष्य की बात सोचकर उसने बन्दरों को सलाह दी कि वे तुरंत राजउद्यान त्याग दें। किन्तु कोई भी बन्दर सरदार की बात मानने को तैयार नहीं था। राजउद्यान में उन्हें ताजे और मीठे फल बिना किसी मेहनत के ही मिल जाते थे। उन्होंने सरदार से कहा कि “तुम बूढ़े हो गये हो, और बुढ़ापे के कारण इतने बकवास विचार तुम्हारे दिमाग में आ रहे है। हम राजउद्यान और अमृतसमान मीठे फलों को छोड़कर कही नहीं जायंगे।”

सरदार ने आँखों में आंसू भर कर कहा, “मूर्खो! इस लोभ का सुख तुम्हें बहुत महंगा पड़ेगा।” यह कहकर सरदार स्वयं राजउद्यान छो़ड़्कर जंगल में चला गया।

ये भी पढ़े हाथी और दर्जी

सरदार के जाने के कुछ दिनों बाद उसकी भविष्यवाणी सच हो गयी। उस दिन वही लालची भेड़ जब रसोई में खाना चुरा कर खा रही थी तभी एक नौकर ने उसपर जलती लकड़ी फैंकी। भेड़ के बाल जलने लगे, और वो वहा से जान बचाकर भागी और पास में ही मौजूद अश्‍वशाला में घुस गयी। जिसकी वजह से अश्‍वशाला भी जलने लग गई। बहुत सारे घोड़े आग से जल कर वहीं मर गये, कुछ़ रस्सी तुड़ा कर वहा से भाग गये, और बहुत सारे घोड़े आग में झुलस कर घायल हो गए।

ये भी पढ़े श्रवण कुमार की कहानी

तब राजा ने घायल घोड़ो के बचाने के लिए पशुचिकित्सो को बुलाया। वैद्यों ने सलाह दी कि जले हुए घोड़ो के घावों पर बन्दरों की चर्बी से बने हुए मरहम लगाकर उनकी जान बचाई जा सकती है। राजा ने तुरंत सारे बन्दरों को मारने की आज्ञा दे दी। सिपाहियों ने आज्ञा का पालन करते हुए सब बन्दरों को पकड़ कर मार दिया। मरते समय सारे बंदरो को अपने सरदार की कही हुई बात याद आ रही थी और वो उसकी बात ना मानाने के लिए पछता रहे थे.

ये भी पढ़े घमंडी गुलाब की कहानी

वानरराज को जब सारे बंदरो की मौत का समाचार मिला तो वह बहुत दुःखी हुआ, और उसके मन में राजा से बदला लेने की आग भड़क उठी। दिन-रात वह इसी सोच में रहता की कैसे वो राजा से अपने बच्चो की मौत का बदला ले सके। एक दिन उसे वन मे एक ऐसा तालाब मिला जिसके किनारे मनुष्यों के पदचिन्ह थे।

उस तालाब के किनारे मनुष्यो के तालाब  में जाने के तो पदचिन्ह थे पर वापस आने के नहीं, वो समझ जाता है की इस तालाब में जितने मनुष्य गये, सब मारे गये; और कोई वापिस नहीं आया। इस गुत्थी का पता लगाने के लिये उसे एक उपाय सूझा। कमल की नाल तोड़कर उसने उसका एक सिरा तालाब में डाला और दूसरे सिरे से पानी पीना शुरु कर दिया।

कुछ देर के बाद तालाब से एक कंठहार धारण किये हुए मगरमच्छ निकला। मगरमच्छ पानी से निकलते ही बोला, “आजतक इस तालाब में पानी पीने के लिये आ कर कोई वापिस नहीं गया, लेकिन तूने कमल नाल द्वारा पानी पीने का उपाय करके विलक्षण बुद्धि का परिचय दिया है। मैं तेरी बौद्धिक प्रतिभा पर प्रसन्न हूँ। तू जो वर मांगेगा, मैं दूंगा। कोई भी वर मांग ले।”

वानरराज ने थोड़ी देर सोचा की क्या मांगू और फिर बोला, “मगरमच्छ! तुम्हारी भक्षण-शक्ति कितनी है?”

मगरमच्छ जवाब देता है, “जल में मैं सैंकड़ों पशु या मनुष्यों को खा सकता हूँ; लेकिन भूमि के ऊपर मेरी शक्ति काम नहीं करती है।”

ये भी पढ़े ईमानदार लकड़हारा

वानरराज आगे बोलता है, “मुझे एक राजा से बदला लेना है। यदि तुम यह कंठहार मुझे दे दो तो मैं उसके सारे परिवार को तालाब में लाकर तुम्हारा भोजन बना सकता हूँ।”

मगरमच्छ ने अपना कंठहार वानरराज को दे दिया। वानरराज कंठहार पहनकर राजा के महल में गया। उस कंठहार से एक अद्भुत चमक निकल रही थी, और उसकी चमक-दमक से सारा राजमहल जगमगा उठा। राजा ने जब वो कंठहार बन्दर के गले में देखा तो पूछा, “वानरराज! इतना सुंदर कंठहार तुम्हें कहाँ से मिला?”

ये भी पढ़े बौनों और मोची की कहानी

वानरराज जवाब देते है, “महाराज! यहाँ से थोड़ी दूर जंगल में एक चमत्कारी तालाब है। वहाँ रविवार के दिन सुबह के समय स्नान करने वाले को माला मिलती है।”

राजा ने उस तालाब सपरिवार में नहाने की इच्छा प्रगट की, जिस से सब को एक-एक माला की प्राप्ति हो जायगी।”

ये भी पढ़े चमत्कारी डिब्बे की कहानी

रविवार के दिन राजा समेत सभी लोग वानरराज के साथ तालाब पर पहुँच गये, और निश्चित समय पर सब लोग जलाशय में प्रवेश करने को तैयार हुए। वानरराज ने राजा से कहा “राजन आप थोड़ा ठहर जाये, पहले और लोगों को माला लेने दीजिये, आप मेरे साथ जलाशय में प्रवेश कीजियेगा। हम ऐसे स्थान से प्रवेश करेंगे जहां सबसे अधिक माला मिलेंगी।”

ये भी पढ़े बदसूरत पेड़ की कहानी

कुछ समय के बाद राजा देखता है की जितने लोग जलाशय में गये, सब डूब गये; कोई ऊपर न आया। उन्हें ऊपर ना आता देख राजा ने चिन्तित होकर वानरराज की ओर देखा। वानरराज तुरन्त पास की ही एक वृक्ष की ऊँची शाखा पर चढ़कर बोला “महाराज! तुम्हारे सारे परिवार को जलाशय में बैठे राक्षस ने खा लिया है। तुमने मेरे कुल का नाश किया था; और अब मैंने तुम्हारा कुल खत्म कर दिया। आज मेरा बदला पूरा हो गया है, तुम अपने राजमहल में वापिस लौट जाओ।”

ये भी पढ़े छोटी जलपरी की कहानी

राजा गुस्से से पागल हो रहा था, किन्तु अब वो कुछ नहीं कर सकता था।

कहानी से शिक्षा- हिंसा का उत्तर प्रतिहिंसा से और दुष्टता का उत्तर दुष्टता से देना ही व्यावहारिक नीति है।

समझदार बंदर और लालची राजा

बच्चों, समझदार बंदर और लालची राजा | The Wise Monkey Story (Hindi Panchatantra Story) कितनी पसंद आई? कृपया अपने विचार कमेंट बॉक्स में साझा करें। साथ ही, कृपया इस कहानी को अपने दोस्तों के साथ सोशल मीडिया पर साझा करें ताकि वे भी इसका आनंद ले सकें, और ऐसी और कहानियों के लिए, कृपया Storiespub.com को बुकमार्क करें।

यह भी पढ़े –

  1. सोने का अंडा देने वाली जादुई मुर्गी की कहानी
  2. चमत्कारी डिब्बे की कहानी 
  3. छोटी जलपरी की कहानी
  4. बौनों और मोची की कहानी 
  5. बदसूरत पेड़ की कहानी
  6. ईमानदार लकड़हारा
  7. जैसे को तैसा