घमंडी हाँथी और चींटी की कहानी | Elephant and the Ant Story in Hindi

Overview: हाँथी और चींटी (Elephant and the Ant Story) एक ऐसे घमंडी हाँथी (Arrogant Elephant) की कहानी है, जिससे पूरा जंगल परेशान रहता था, लेकिन एक दिन एक चींटी ने उस हाँथी को सबक सीखने की ठान ली. आगे उस हाँथी के साथ क्या क्या होता है, और चींटी उसको कैसे सही राह आती है जानने के लिए पढ़े घमंडी हाँथी और चींटी की कहानी (Elephant and the Ant Story in Hindi).
घमंडी हाथी बहुत ही विशाल और महाकाय था, उसको अपने विशाल शरीर पर बहुत ज्यादा घमंड था, और वो अपने शरीर की वजह से जंगल के सभी जानवरों को परेशान करता रहता था.
कभी वो पंछियो के घोंसले बिखेर देता तो कभी बिना वजह किसी पर भी हमला कर देता था, उसने पुरे जंगल में अपना आतंक मचा रखा था।
उसकी इस हरकत के वजह से सारे जंगल में डर का माहौल फैला हुआ था, सारे प्राणी हाथी को देखकर डर के मारे भाग जाते थे।
एक दिन वो घमंडी हाथी रास्ते से गुजर रहा था तभी उसे एक तोता’ पेड़ के ऊपर बैठा हुआ दिखाई दिया।
उसको देखते ही हाथी बोला “तोते मुझे सलाम कर तुझे दिखाई नहीं देता क्या इस जंगल का सबसे ताकदवर प्राणी सामने से जा रहा है”। तो तोता बोला “तुम होंगे ताकदवर मुझे उससे क्या”? में क्यू तुम्हे सलाम करू ?
यह सब सुनकर हाथी को बहुत गुस्सा आ गया , और उसने गुस्से मै जिस पेड़ पर तोता बैठा था उसको उखाड़ के फेंक दिया।
तोता अपनी जान बचाकर उड़ गया, और हाथी जोर जोर से हंसने लगा।
उसी जंगल मे एक छोटी सी चींटी नदी के किनारे रहती थी, चींटी भले ही शरीर से छोटी थी लेकिन दिमाग से बहुत तेज थी।
चींटी अपना काम पूरी ईमानदारी और मेहनत से करती थी, वो बहुत अच्छी थी और कभी किसी को परेशान नहीं करती थी और बस अपने काम से काम रखती थी।
चींटी रोज़ सुबह जंगल में खाने के तलाश में जाती और शाम को खाना ढूंढ के अपने घर वापस आ जाती।
एक दिन उस घमंडी हाथी को प्यास लगी थी, सामने ही उसे नदी दिखाई दी तो वह पानी पीने के लिए नदी किनारे चला गया।
पानी पीते समय उसे वही मेहनती चींटी दिखाई दी, वह अपने छोटी सी पीठ पर बहुत सारा खाना लेके अपने घर के तरफ जा रही थी।

हाथी ने चींटी से पूछा, कहा जा रही हो चींटी ? तभी चींटी ने जवाब दिया , हाथी भाई मैं बारिश के लिए खाना जमा कर रही हूँ बारिश आएगी तब मुझे खाना ढूंढ़ना ना पड़े।
यह सब सुनकर हाथी ने अपनी सूंड से पूरा पानी उस बेचारी चींटी के ऊपर और उसके घर पर डाल दिया और जोर जोर से हसने लगा।

चींटी का पूरा खाना पानी मे बह गया और उसका घर भी टूट गया।
चींटी ने परेशान होकर हाथी से कहा “एक दिन तुम्हे अपने घमंड का फल भुगतना पड़ेगा। और उसने हाथी को सबक सिखाने की ठान ली।”
कुछ दिन बाद चींटी खाने के तलाश में जंगल में जा रही थी तभी उसे वही हाथी एक पेड़ के नीचे सोता हुआ दिखाई दिया।

चींटी ने सोचा हाथी को मजा चखाने का अच्छा मौका है, वह धीरे से हाथी की सूंड में घुस गयी और उसे जोर जोर से काटने लगी।
चींटी के बार बार कांटने पर हांथी नींद से हड़बड़ाकर जाग गया और एकदम से चिल्लाने लगा। पहले तो उसे समझ में नहीं आया की उसे क्या हो रहा है बाद में उसे महसूस हुआ की उसके सूंड में कोई अन्दर से काट रहा है।
चींटी ने अंदर से आवाज लगाई “हाथी भाई कैसा लग रहा है? सब बढ़िया?”
यह सुनके हाथी को बहुत गुस्सा आ गया वह अपनी सूंड जोर जोर से हिलाने लगा, बहुत देर तक अपनी सूंड हिलने की वजह से हाथी थक गया, और इतने प्रयासों के बाद भी कुछ फायदा ना होने के कारण चींटी से बाहर निकलने की विनंती करने लगा.
बिना वजह दुसरो को परेशान करने पर कैसा लगता है ये बात उसे समझ में आ गई और वो चींटी से अपने किये की माफ़ी मांगने लगा। इसके बाद किसी के साथ भी ऐसी हरकत ना करने की ठान ली।

यही नहीं उस हाथी ने चींटी का घर बनाने में मदद की और उसके लिए खाना भी एकत्र किया, और ऐसे ही उसने तोते का घोसला भी बनाकर दिया, अब सारा जंगल उस हाथी से प्यार करने लगा और सब उसके दोस्त बन गए.
हाथी और चींटी के कहानी से सीख : छोटा बडा कोई नहीं होता किसी को कम मत् समझो और बिना वजह परेशान मत करो, वरना हाथी के जैसा हाल भुगतना पड़ेगा।
दोस्तों आपको हांथी और चींटी (Elephant and the Ant Story in Hindi) की कहानी कैसी लगी? ऐसी ही मजेदार कहानिया पढ़ने के लिए StoriesPub पर आते रहे, और ये कहानी अपने दोस्तों के साथ भी शेयर करे।