बौनों और मोची की कहानी | The Elves and the Shoemaker Story in Hindi
बौनों और मोची की कहानी (The Elves and the Shoemaker Story in Hindi) पहली बार 1812 में ब्रदर ग्रिम्स द्वारा प्रकाशित की गई थी, जो एक जर्मन परी कथा पर आधारित थी। 1935 में, बौने और मोची की कहानी पर एक फिल्म भी बनाई गई थी। शूमेकर और कल्पित बौने की कहानी के कई संस्करण हैं। बहरहाल, आज हम आपको एक बेहद गरीब लेकिन ईमानदार मोची के बारे में सबसे मशहूर कहानी के बारे में बताएंगे जो अपनी पत्नी के साथ रहता है। उसके पास खाना खाने के लिए भी पैसे नहीं हैं। लेकिन कहा जाता है कि भगवान किसी न किसी रूप में मदद भेजता है, उसी तरह उसके जीवन में दो बौने मददगार बनकर आए। तो उस मोची के जीवन में क्या बदलाव आया जानने के लिए नीचे दी गई कहानी पढ़ें।
बहुत पुरानी बात है, एक गांव में एक मोची (Shoemaker) और उसकी पत्नी रहते थे। वे बहुत गरीब थे, लेकिन फिर भी वे हमेशा खुश रहते थे।
एक दिन मोची बोलता है की उसके पास सिर्फ एक जोड़ी जूते के लिए पर्याप्त चमड़ा है।
उसकी पत्नी ने परेशान होकर पूछा, “अब हम क्या करेंगे?”
“चिंता मत करो, मुझे यकीन है कि कुछ ना कुछ अच्छा होगा, और हम भूखे नहीं रहेंगे।” पति अपनी पत्नी को सांत्वना देता है।
मोची बोलता है की, “अभी मैं थक गया हूं, इसलिए मैं अभी चमड़ा काट दूंगा, और कल सुबह मैं जल्दी उठकर जूते बनाऊंगा।”
मोची ने चमड़े को काटा और कटे चमड़े और बाकी सामान को मेज पर ही छोड़ दिया। इसके बाद वह सोने चला गया। मोची ने सोचा, “मुझे सुबह जल्दी उठना पड़ेगा वर्ना जूते तैयार नहीं हो पाएंगे।”
अगली सुबह, मोची जल्दी उठ कर अपने कारखाने में गया, वहा पहुंच कर वो हैरान रह गया क्योकि जूते पहले से ही बने रखे थे. ये जूते वाकई बहुत सुन्दर थे मोची ने आज से पहले इतने सुन्दर जूते कभी नहीं देखे थे.
वो सोचता है ये कैसे हुआ? जूते कैसे बने?
वो अपनी पत्नी को आवाज़ लगाता है, “प्रिये, जल्दी यहाँ आ जाओ।” पत्नी जल्दी से दौड़ते हुए आती है और बोलती है, “क्या बात है? क्या तुम ठीक तो हो?”
मोची ने कहा, “ये देखो, जूते तैयार हैं।”
पत्नी ने आश्चर्य से पूछा, “क्या मतलब है कि जूते तैयार हैं? तुमने कल रात मुझसे कहा था कि तुम उन्हें आज सुबह पूरा करोगे।”
मोची ने उत्तर दिया, “मुझे पता है, मुझे पता है, लेकिन मुझे समझ में नहीं आ रहा की ये कैसे हुआ?”
पत्नी आश्चर्य से फिर से पूछा, “क्या आप सुनिश्चित हैं कि आपने इन्हे नहीं बनाया, हो सकता है आप इनको बनाकर भूल गए हो?”
मोची ने उत्तर दिया, “तुमको लगता है कि मैं पागल हूँ? मुझे अच्छी तरह याद है कि मैंने कल रात को ही चमड़ा काटा था। मुझे नहीं पता की ये कैसे बने और किसने इन्हे बनाया है, लेकिन देखो ये कितने खूबसूरत है, मैंने आज तक मभी इतने सुन्दर जूते नहीं देखे है! मई चाह कर कर भी इतने सुन्दर जूते नहीं बना सकता।”
ठीक उसी समय, एक धनी व्यक्ति दुकान में प्रवेश करता है।
वो जूतों को देखते हुए बोलता है “अरे, क्या वो जूते बिकाऊ हैं?”
“ज़रूर हैं, सर।” मोची ने जवाब दिया।
“यह जूते देखने में तो बहुत ही खूबसूरत लग रहे हैं. लेकिन मैं एक बार इनको पहनकर कोशिश करता हूं देखता हूं कि क्या यह मेरे को सही से आ रहे है?,” अमीर आदमी ने उत्तर दिया।
वो अमीर आदमी जूतों को पहनकर कुछ दूर तक चलता है, और वापस आने पर, “ओह, ये तो एकदम फिट हैं और पहनने में बहुत आरामदायक हैं ऐसा लगता है जैसे की मेरे लिए ही बनाये गए हो।” यह पैसा रखो और इन्हे पैक कर दो।”
मोची ने पैसे की तरफ देखा और फिर आश्चर्य से उस आदमी की तरफ देखा। उसको कभी भी किसीने एक जोड़ी जूतों के लिए इतने पैसे नहीं दिए थे.
अमीर आदमी बोलता है कि तुम मुझे इस तरह क्यों देख रहे हो? मुझे लगता है मैंने तुम्हारे जूतों की सही कीमत दी है, फिर भी अगर तुम्हें कम लगता है की कीमत कम है तो बोलो, और इन्हें फटाफट पैक कर दो. मुझे देर हो रही है।
मोची खुश होकर बोलता है, “नहीं सर आपने एकदम सही पैसे दिए हैं मैंने तुरंत पैक कर देता हूं.”
अमीर आदमी के जाते ही मोची अपनी पत्नी के पास भाग कर जाता है और बोलता है। ये देखो इतने सारे पैसे? पत्नी इतना पैसा देखकर हैरान रह जाती है और पूछती है, “इतने पैसे आपको कहा से मिले?”
मोची बोलता है, “अरे तुम्हें विश्वास नहीं होगा एक बहुत अमीर आदमी दुकान पर आया उसको जूते इतने पसंद आए तो उसने मुझे इतने सारे पैसे देकर वह जूता खरीद लिया। उसने मुझसे यह भी नहीं पूछा कि वे कितने के थे, उसने मुझे सिर्फ पैसे दिए, और चले गए।”
मोची अपनी पत्नी से बोलता है, “मैं चमड़े की दुकान पर जा रहा हूं. अब मेरे पास इतने पैसे हैं कि मैं 2 जोड़ी जूतों के लिए चमड़ा खरीद सकता हूं और हमारे खाने के लिए भी पर्याप्त सामान खरीद सकता हूं, तो मैं चमड़े की दुकान पर जा रहा हूं और लौटते समय मैं कुछ राशन भी लेते हुए आऊंगा।
मोची घर लौटते समय सोच रहा होता है कि, मुझे जल्दी लौटना चाहिए क्योंकि अब मुझे 2 जोड़ी जूते बनाने के लिए चमड़ा काटना हैं.
मोची घर लौट कर अपने पत्नी से बोलता है, “देखो, मैंने इतना प्यारा चमड़ा खरीदा है, जो पहले वाले से कहीं बेहतर है। इससे मैं दो जोड़ी जूते तैयार कर सकता हूँ।”
“आप अभी वापस आए हैं और थक गए होंगे। पहले खाना खा लो फिर चमड़ा काटना शुरू करना” पत्नी ने उत्तर दिया।
मोची और उसकी पत्नी खाना खाने बैठ जाते है।
खाना खाने के बाद मोची बोलता है कि, “वाह आज तुमने आज वाकई बहुत स्वादिष्ट खाना बनाया है! इतना खाना खाने के बाद मुझे लगता है कि मेरे से काम नहीं हो पाएगा। मैं सोच रहा हूं कि रात में सिर्फ चमड़ा काट दूंगा और सुबह जल्दी उठकर जूते बनाऊंगा।”
ये सुनकर पत्नी बोलती है कि, “आज आप सिर्फ चमड़ा काट के रख दो कल सुबह जल्दी उठकर आप जूते बना लेना।” मोची ने बिलकुल वैसे ही किया उसने चमड़ा काटा, और कटे हुए चमड़े और अपने बाकी सारे सामान को मेज पर वैसे ही रखकर सोने चला गया.
दूसरे दिन सुबह जब मोची जूते बनाने के लिए अपने कारखाने में जाता है तो वह आश्चर्यचकित रह जाता है, क्योंकि 2 जोड़ी जूते तो पहले से ही वहां पर तैयार रखे हुए थे और यह जूते पहले वाले जूते से भी ज्यादा खूबसूरत थे.
वह अपनी पत्नी को बुलाता है, “यहाँ आओ और देखो, आज भी जूते बने हुए रक्खे है!”
वह जूते देखकर हैरान हो जाती है और बड़बड़ाती है, “इतने सुन्दर जूते, लेकिन इनको बना कौन रहा है।”
वह लोग इस बारे में ज्यादा बात नहीं कर पाए क्योंकि तभी कोई दुकान पर आ जाता है और पूछता है, “हैलो! कोई दुकान पर है क्या?”
मोची उस इंसान को देखते ही पहचान लेता है, यह वही व्यक्ति होता है जिसने कल जूते खरीदे थे. मोची सोचने लगता है कहीं ऐसा तो नहीं यह कल वाले जूते वापस करने आए हो क्या जूतों में कोई खराबी थी.
मोची ने आदमी को अपनी दुकान के अंदर बुला दिया।
अंदर आते ही वो अमीर आदमी बोलता है की, मेरे दोस्त को मेरे जूते इतने पसंद आए हैं कि वह चाहता है कि मैं उसके लिए भी एक जोड़ी जूते ले लूं, मुझे आशा है कि आपके पास कुछ जूते तैयार होंगे।
मोची बोलता है। जी हुजूर मेरे पास दो जोड़े तैयार हैं। कृपया आप उनमें से किसी को पसंद करले। अमीर आदमी जूता देखते ही बोलता है “ओह, ये वाकई शानदार और कल वाले से हैं। एक मैं अपने दोस्त के लिए और दूसरा अपने लिए लूंगा। अमीर आदमी खुश होकर मोची से बोलता है कि आप वाकई बहुत अच्छे जूते बनाते हैं।
मोची और उसकी पत्नी इतने खुश हुए कि वे खुशी से नाचने लगे। अमीर आदमी ने दोनों जूते काफी अच्छे दाम देकर के खरीद लिया। अब मोची के पास अच्छे खासे पैसे थे जिससे वह कई जोड़ी जूतों के लिए चमड़े खरीद सकता था.
अब रोज मोची चमड़े को काटकर मेज पर रख देता था, और सुबह उठने पर उसको बने बनाए बहुत खूबसूरत जूते मिलते थे. वह जूते इतने प्रशिद्ध हुए कि दूर दूर से लोग उन जूतों को खरीदने आने लगे. अब मोची में पास काफी पैसे हो गए थे, और अब उसकी गरीबी भी दूर हो गयी थी.
एक दिन मोची अपनी बीवी से बोलता है कि, “मेरे जूते इतने प्रसिद्ध हो गए हैं और उनकी इतनी ज्यादा मांग है कि मैं इतने ज्यादा चमड़े काट भी नहीं सकता मुझे क्या करना चाहिए।”
पत्नी थोड़ी देर सोचती है फिर बोलती है, “क्या आपको नहीं लगता कि हमें पता लगाना चाहिए कि हमारे जूते कौन बना रहा है.”
मोची ने कहा, “अरे हाँ! मैंने इसके बारे में क्यों नहीं सोचा? कोई हमारी इतनी मदद कर रहा है, और हमें पता होना चाहिए कि वह कौन है। लेकिन हम यह कैसे कर सकते हैं?”
पत्नी ने कहा, “मेरे पास एक विचार है। आज रात हम पर्दे के पीछे छिप जाएंगे और इंतजार करेंगे कि क्या होता है।”
मोची में जवाव में अपना सर हिला दिया.
तो उस रात जूते के लिए चमड़ा काटने के बाद, मोची और उसकी पत्नी छिप गए और इंतजार करने लगे कि क्या होगा। आधी रात के बाद, उन्होंने एक शानदार नजारा देखा; दो छोटे बौने (Elves) खुली खिड़की से अंदर कूद पड़े। कुछ देर खेलने के बाद वे टेबल पर जाकर बैठ गए।
उनकी छोटी फुर्तीला उंगलियां बिजली की गति के साथ चल रही थी, और जल्द ही सभी जूते तैयार और पंक्तिबद्ध हो गए। फिर वे दो छोटे बौने खिड़की से बाहर कूद गए और एक झटके में गायब हो गए।
एक बार जब वे चले गए, तो पत्नी ने कहा, “वे नन्हे-मुन्ने इतने दिनों से जूते बना रहे हैं। वे कितने छोटे हैं, लेकिन क्या कमाल का काम करते हैं।” मुझे आश्चर्य हो रहा है कि वे कौन हैं और वे कहाँ से आए हैं?
मोची ने कहा, “ये भूल जाओ वे कौन हैं और वे कहाँ से आए हैं? ये सोचो की सर्दी आ रही है। उनके कपडे फाटे हुए है जल्द ही उन्हें ठंड लगने लगेगी। पत्नी ने जवाब दिया, “आह हाँ! उन्होंने हमारे लिए जो कुछ किया है, उसके लिए उन्हें एक छोटा सा उपहार देने का समय आ गया है, लेकिन हम उनके लिए क्या कर सकते हैं?” बहुत देर तक सोचने के बाद, उसे एक विचार आया और उसने बोला, “मैं उनके लिए छोटी-छोटी कमीजें, पैंट और यहां तक कि छोटे-छोटे कोट भी बनाउंगी, और आप उनके लिए प्यारे छोटे जूते बना सकते हैं। आपका इसके बारे में क्या विशाल है?”
मोची खुशी से चिल्लाया, “यह बहुत अच्छा विचार है। चलो उनके लिए उपहार बनाते है।”
मौसी की पत्नी ने प्यारी और छोटी सी कोट, पैंट और कमीजें बनाईं, और मोची ने छोटे बौनों के लिए जूते के सबसे नन्हे जोड़े बनाए।
उस रात एक बार फिर, मोची और उसकी पत्नी पर्दे के पीछे छिप गए, और एक बार फिर, आधी रात के बाद, छोटे बौने कूद कर अंदर आ गए और जूते बनाने के लिए मेज पर चले गए। जब उन्होंने छोटे कपड़े और जूतों को मेज पर देखा तो वे हैरान रह गए और एक दूसरे को देखने लगे। एक झप्पटें के साथ, उन्होंने जल्दी से कपड़े और जूते पहन लिए।
वे कभी ख़ुशी से ताली बजाते थे तो कभी खुशी से नाचने और गाने लगते थे, “हमारे पास नए कपड़े हैं; हमारे पास नए कपड़े हैं; ओह, हम अपने नए कपड़ों से बहुत खुश हैं। थोड़ी देर बाद, बौने खिड़की से बाहर कूद गए और गायब हो गए।
एक बार जब वे चले गए, तो मोची ने अपनी पत्नी से कहा, “मुझे बहुत खुशी है कि हमारे छोटे से उपहार ने उन्हें इतना खुश कर दिया।”
“हाँ! हालाँकि उन्होंने हमारे लिए जो कुछ किया उसके लिए ये उपहार बहुत छोटा था,” पत्नी ने अपने पति को उत्तर दिया।
बौने उस दिन से कभी नहीं लौटे, लेकिन उसके बाद मोची को कभी काम की कमी भी नहीं रही और वो जब तक जीवित रहे सुखीपुर्वक अपना जीवन व्यतीत किया, लेकिन वो हमेशा सोचते रहते थे की वो बौने कौन थे, कहा से आये थे, और अभी कहा होंगे। बच्चो अगर आपके पास इस सवाल का जवाब हो तो हमें इसका उत्तर कमेंट बॉक्स में जरूर शेयर करे.
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