नीले सियार की कहानी | Blue Jackal Story in Hindi (Panchatantra Story in Hindi)
Blue Jackal Story in Hindi | Podcast
एक समय की बात है, एक घने जंगल में एक बहुत ही चालाक और दुष्ट सियार रहता था, उसके आस पास में रहने वाले सारे जानवर और यहाँ तक की उसके जाती के बाकी सियार भी उससे परेशान थे, वो हमेशा जानवरो से दूसरे जानवरो की चुगली करता था, और सारे जानवरो के बीच लड़ाई करवा देता था. जानवरो को आपस में लड़ते देखने में उसको बहुत मज़ा आता था.
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एक वो सियार खाने की तलाश में बहुत दूर निकल गया, और इसी तरह खाने की तलाश में चलते चलते वो एक गांव में पहुंच गया, तभी उसको कुछ मुर्गिया दाना चुगते हुई दिखी। मुर्गियों को देख कर सियार के मुँह में पानी आ गया और वो उनको पकड़ने के लिए उनकी तरफ तेजी से झपटा। मुर्गियों में सियार को अपनी तरफ आता देखा, और अपनी जान बचाने के लिए चारो दिशाओ में दौड़ लगाना शुरू कर दिया।
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सियार काफी देर तक मुर्गियों के पीछे भागता रहा, तभी अचानक गांव के आवारा कुत्तो के नज़र सियार पर पड़ गयी, और वो सियार को मारने के लिए उसके पीछे पड़ गए. कुत्तो को देखकर सियार की जान सूख गयी, और वो भूख प्यास भूल कर अपनी अपनी जान बचाने के लिए जहा जगह मिली वही भागने लग पड़ा.
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इसी भाग दौड़ में वो रंगरेजों की बस्ती में जा पंहुचा, और भागते भागते बीच बीच में पीछे पलट कर देखता जा रहा था की कुत्ते अभी भी उसके पीछे पड़े है या वापस जा चुके है.
तभी सियार का पैर एक पत्थर से टकरा जाता है, और वो एक रंग से भरे हुए हौद में गिर जाता है. कुत्तो को अपने पास आते हुए देखकर सियार उस हौद में डुबकी लगाकर छुप जाता है. कुत्ते थोड़ी देर तक तो सियार को ढूँढ़ते है और उसके ना मिलने पर अपने अपने स्थान पर वापस लौट जाते है.
कुत्तो के जाने के बाद सियार हौद से बाहर निकलता है, और सीधे जंगल की दिशा में दौड़ने लगता है, और मन ही मन सोचता है की आज तो वो मरते मरते बचा है.
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सियार जैसे ही जंगल में पहुँचता है, सारे जानवर उसको देखकर डर से भागने लगते है, सियार ये सब देख कर अचंभे में पड़ जाता है, और उसको कुछ समझ में नहीं आता है की सारे जानवर उसको देख कर भाग क्यों रहे है.
इन सब भाग दौड़ की वजह से सियार को बहुत जोरो की प्यास लगने लगती है, और वो नदी की तरफ चल देता है. सियार जैसे ही नदी के पास पानी पीने पहुँचता है, वहा पर मौजूद सारे जानवर सियार को देखकर तुरंत भागने लगते है.
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सियार जैसे ही नदी में पानी पीने के लिए झुकता है उसको अपना प्रतिबिम्ब पानी में दिखाई में दिखाई पड़ता है, वो पूरा नीला हो चुका था. थोड़ी देर तक वो अपने को देखता रहता है उसको समझ में नहीं आ रहा था की ये उसके साथ क्या हो रहा है?
तभी उसके एक उपाय सुझा, वो फटाफट पानी पीके अपनी प्यास बुझाता है और घने जंगल की ऒर निकल जाता है. उसके देखकर जैसे ही जानवर भागने लगते है, सियार जोर से चिल्लाता है, “रुको! अगर मुझे देखकर किसी ने भी भागने की कोशिस करि तो मै उसको जलाकर भस्म कर दूंगा.”
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सारे जानवर उसकी बात सुनकर डर कर रुक जाते है, और पलट कर सियार की तरफ देखने लगते है. सियार आगे बोलता है, “मै भगवन के द्वारा भेजा गया दूत हूँ, भगवान ने मुझे इस जंगल में मुझे सबका उद्धार करने के लिए भेजा है.” उसकी बात सुनकर सभी जानवर बहुत खुश हो जाते है और उस नीले सियार की जय जय कार करने लगते है.
ये सब देखकर सियार बहुत खुश हो जाता है और बोलता है, “तुम लोग मुझे इस जंगल का राजा बना दो, और मै तुम लोगो को हर तरह की मुसीबत से बचाऊंगा.”
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जंगल में देवता का एक दूत आया है, ये बात जल्दी ही पूरे जंगल में आग की तरह फैल गयी. थोड़ी ही देर में सियार के आस पास जंगल के सभी जानवर जमा हो गए.
थोड़ी देर के बार जंगल के सभी ताकतवर जानवर सियार को पालकी में बैठा कर जंगल के सबसे ऊँचे टीले पर ले जाते है.
सभी जानवरो ने मिलकर सियार को जंगल का राजा बना दिया, जंगल का सबसे खूबसूरत मोर सियार को अपने पंखो से हवा करता है, उसने शेर को अपना सेनापति बना लिया, बाघ को अपना निजी अंगरक्षक नियुक्त कर दिया और हाँथीओं को जंगल की सुरक्षा का दायित्व दे दिया.
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नीले सियार ने जंगल से सभी सियारो को बाहर जाने का हुक्म जारी कर दिया, उसके इस फरमान से सभी जानवरो को बहुत अचम्भा हुआ. तब नीले सियरा ने बताया की देवता सियारो को बहुत बुरा मानते है, उनके रोने के कारण जंगल में आपदाये आती है.
नीले सियार की बात सुनकर सभी जानवरो में सियारो को मार मार कर जंगल से बाहर भगा दिया. दरअसल नीले सियार को अपने जात के बाकी सियारो से खतरा महसूस हो रहा था, की कही वो उसका भेद ना जान जाये और उसके बारे में सबको बता दे.
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नीला सियार बहुत ठाट से अपने दिन बिताने लगा, अब उसको कभी खाने की कमी नहीं होती थी, शेर चीते उसके लिए शिकार करके लाते थे, हांथी अपनी सूंड में उसके लिए पानी भर कर लाते और उसको पिलाते थे. सभी जानवर नीले सियार को हमेशा खुश रखने की कोशिश करते थे. उनको लगता था की अगर वो दुखी हुआ तो उनको देवताओ का गुस्सा झेलना पड़ेगा.
और वही पर जिन सियारो को जंगल से निकाल गया वो बहुत दुखी थे, उनका घर बार सब कुछ उनसे छिन गया था. ऐसे ही एक चांदनी रात में सारे सियार एक टीले पर मिलते है और अपनी किस्मत को कोसने लगते है, इसी तरह बात करते करते सारे सियार रोने लगते है, उनके रोने की आवाज़ जंगल में दूर दूर तक गूंजने लगती है.
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नीले सियार के भी कानो में उन सियारो के रोने की आवाज़ पड़ती है, तो अपनी आदतवश वो भी उन सियारो के रोने में शामिल हो जाता है, और जोर जोर से रोने लगता है.
सियार को रोटा देख कर सभी जानवर समझ जाते है, के ये कोई देवता का दूत नहीं है, बल्कि कोई सियार है जो किसी तरह से नीला हो गया है.
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सारे शेर, बाघ और चीते उसके ऊपर एक साथ झपट पड़ते है और उसका काम तमाम कर देते है.
कहानी से शिक्षा- इस कहानी से हमें ये शिक्षा मिलती है की हमें झूट बोलकर अपना बड्डपन नहीं दिखाना चाहिए, क्योकि एक ना एक दिन सबको सच्चाई पता चल ही जाती है.
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