तीन दोस्तों की कहानी | Three Friends Story in Hindi

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तीन दोस्तों की कहानी | Podcast

एक समय की बात है एक जंगल में एक पेड़ के ऊपर कठफोड़वा और मक्खी रहते थे और उसी पेड़ के नीचे एक तालाब था जहा एक मेढ़क रहता था, तीनो आपस में बहुत अच्छे दोस्त थे और रोज घंटो बैठ कर बाते करते थे,

उसी जंगल में एक बहुत घमंडी हांथी भी रहता था, उसको अपनी ताकत पर बहुत घमंड था और उसको हमेशा छोटे जानवरो को तंग करने में मजा आता था.

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एक दिन वो घमंडी हांथी उस पेड़ के पास से गुजर रहा होता है, तीनो दोस्त उस समय पेड़ के नीचे बैठे थे और उन्होंने उस हांथी पर ध्यान नहीं दिया. उनकी इस हरकत से उस हांथी को बहुत गुस्सा आया, और वो उनके पास आकर जोर से चिंग्घाड़ कर बोलता है, तुम लोगो की इतनी हिम्मत की मुझे देख कर भी मेरा अभिवादन नहीं किया क्या तुमको पता नहीं है की मई इस जंगल का सबसे ताकवर जानवर हूँ. मै तुम लोगो को इस गलती की सजा भुगतनी पड़ेगी.

हांथी की बात सुनकर तीनो दोस्त डर जाते है, तीनो दोस्त हांथी से अपनी गलती की क्षमा मांगते है और बोलते है की हम लोग आपस में बाते कर रहे थे और आपको देखा नहीं. लेकिन हांथी का गुस्सा कम नहीं होता है.

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जिस पेड़ पर कठफोड़वा और मक्खी बैठे थे हांथी गुस्से में उस पेड़ को टक्कर मारने लगता है और दो या तीन टक्करों में ही उस पेड़ को गिरा देता है, इतना करने के बाद भी उसका गुस्सा शांत नहीं होता है और वो पेड़ के नीचे मौजूद तालाब का पानी अपनी सूंड में भरकर बाहर फेक देता है. इतना सब करने के बाद हांथी गुस्से में पैर पटकते हुये अपने रास्ते चला जाता है.

हाथी के जाने के बाद तीनो दोस्त रोने लगते है, तभी कठफोड़वा बोलता है हमें हाथी से उसकी उद्दण्ता का बदला लेना चाहिए, जिसपर मक्खी बोलती है की हम इतने छोटे है हाथी का कुछ भी नहीं बिगाड़ सकते है. तभी मेढक बोलता है नहीं ऐसी बात नहीं है, अगर हम सब मिलकर सामूहिक प्रयास करे तो हाथी को सबक सीखा सकते है.

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तीनो दोस्त मिलकर हाथी को सबक सीखने का एक उपाय निकालते है.

हाथी थोड़ी ही दूर पर एक पेड़ के नीचे आराम कर रहा था, तभी मक्खी उसके कान के पास जा कर भिनभिनाने लगती है. भिनभिनाहट की मधुर आवाज से हाथी को नींद आ जाती है, तभी कठफोड़वा तेजी से उड़कर आता है और हाथी की बाई आँख पर अपने मजबूत चोंच से हमला कर देता है. हाथी दर्द से कहराते हुए नींद से उठता है, लेकिन उसके कुछ समझ पाने से पहले ही कठफोड़वा हाथी के दाईं आँख पर भी हमला कर देता है. कठफोड़वा के हमले से हाथी को दोनों आँखे फूट जाती है और वो दर्द से चिल्लाने लगता है और इधर उधर भागने लगता है.

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हाथी के काफी देर तक इधर उधर भागने की वजह से वो बहुत थक जाता है, और प्यास से व्याकुल हो जाता है.

तभी मेढक एक विशाल सूखे गड्ढे के पास बैठ कर टर्राने लगता है, हाथी भी मेढक की आवाज़ सुनता है तो उसको लगता है की पास में ही कोई तालाब है, वो उस दिशा में तेजी से भागता है और सूखे गड्ढे में गिर जाता है, गड्ढे में गिरने की वजह से हाथी की मौत हो जाती है. हाथी के मरने की खबर से पूरे जंगल में खुशी की लहर दौड़ जाती है.    

इस तरह उन तीनो दोस्तों में आपसी एकता के बल पर अपने के कई गुणा बड़े दुश्मन को आसानी से हरा दिया.

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