एकता में शक्ति: United We Stand Divided We Fall Story in Hindi

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एकता में शक्ति

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किसी समय की बात है, एक घने जंगल में 4 बैल रहते थे. वो उस जंगल में कैसे पहुंचे ये तो उनको पता नहीं था, लेकिन जब से उन्होंने होश संभाला था वो चारो साथ साथ ही रहते थे.

वे चारो बहुत घने मित्र थे, और हमेशा साथ साथ ही रहे थे, साथ साथ ही घुमते थे, और साथ साथ ही ही खाते थे. जंगल के किसी भी जानवर की उनके ऊपर आक्रमण करने की हिम्मत नहीं होती थी, और अगर कभी भी किसी भी जानवर ने ऐसा करने की कोशिश की भी तो चारो ने मिलकर उसकी बुरी दुर्गति बना दी. यहाँ तक की जंगल के राजा शेर भी उनके ऊपर हमला करने की हिम्मत नहीं कर पाता था.

चारो उस जंगल में निर्भीक घूमते थे, और दिन भर खाने की वजह से वे बहुत बलशाली और तंदरुस्त दिखने लगे थे.

शेर के दरबार में एक बहुत चालक लोमड़ी भी राजा के सलाहकार के रूप में काम करती थी, और उसको पता था की शेर उन चारो को खाना चाहता है लेकिन उनपर आक्रमण करने की हिम्मत उसमे नहीं है. एक दिन वो सोचती है की अगर मै उन चारो को मारने में शेर की मदद करू तो मुझे बहुत सारा सम्मान और इनाम भी मिलेगा.

ये सोच कर लोमड़ी शेर के पास जाती है, और बोलती है की महाराज अगर मै उन बैलो को मारने में आपकी मदद करू तो क्या मुझे कुछ इनाम मिलेगा? बैलो का नाम सुनते ही शेर के मुँह में पानी आ गया और वो लोमड़ी से बोला, हाँ हाँ लोमड़ी मै तुम्हे इनाम से लाद दूंगा और अपने राज्य का प्रधानमंत्री भी बना दूंगा. और हिंदी कहानिया पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करे.

शेर की बात सुनकर लोमड़ी खुश हो जाती है और बैलो को मारने का उपाय सोचने लगती है, वो सोचती है की ताकत में उनसे जीतना तो असंभव है क्योकि वो तो शेर तक से भी नहीं डरते उनकी कमजोरी ढूंढी पड़ेगी.

बहुत सोचने के बाद लोमड़ी इस निष्कर्ष पर पहुँचती है की उनकी एकता ही उनकी शक्ति है. उनकी एकता को खत्म करना पड़ेगा और उनके बीच में फूट डालनी पड़ेगी.

ये सोच कर वो उन बैलो की दिनचर्या पर नजर रखने लगती है, बैलो पर नज़र रखने पर वो पाती है की एक बैल थोड़ी देर के लिए बाकी बैलो से अलग हो कर चरने के लिए थोड़ा दूर निकल जाता है.

एक दिन मौका देखकर वो उस बैल के पास पहुंच जाती है, और बोलती है, “नमस्ते बैल भाई,” बैल लोमड़ी की ओर देखकर बोलता है, “नमस्ते लोमड़ी मौसी कैसी हो और आज यहाँ कैसे आ गयी?” लोमड़ी बोलती है मै तो यहाँ से गुजर रही थी आपको देखकर रुक गयी, मैंने सोचा चल कर जंगल के राजा से मुलाकात कर लूँ

बैल लोमड़ी की बात सुनकर बहुत खुश होता है, और घमंड से भरकर बोलता है, “लोमड़ी मौसी मै जंगल का राजा नहीं हूँ शेर जंगल का राजा है.” लोमड़ी अपनी बातो में हैरानी लाते हुए बोलती है, अरे तुम इतने बलशाली हो, इतने इतने विशाल हो और तुम्हारे पास इतने भयंकर और विशाल सींगे है तुम्हे ही जंगल का राजा होना चाहिए था. चलो कोई बात नहीं अपनी अपनी किस्मत है. लोमड़ी बुरा सा मुँह बनाते हुए बोलती है.

उसकी बात सुनकर बैल को बुरा लगने लगता है, वो अपना बड्डपन दिखने के लिए लोमड़ी से बोलता है, “मै जंगल का राजा नहीं हुआ तो क्या हुआ मै अपने झुंड का राजा हूँ ही, और जल्द ही जंगल का राजा भी बन जाऊंगा.

लोमड़ी अपनी बातो में कुटिलता लाते हुए बोलती है, “बैल भाई मुझे तो तुम्हारी बातो में सच्चाई नहीं लग रही है, क्योकि जो झुंड का राजा होता है सब उसकी बात मानते है और उसके पीछे चलते है लेकिन तुम तो अकेले ही घास चार रहे हो, और कोई तुम्हे पूछ भी नहीं रहा है, शेर को देखो जब वो पानी पीने जाता है तो किसी जानवर की हिम्मत नहीं होती की वो शेर के साथ पानी पी ले.”

उसकी बात सुनकर बैल को बहुत बुरा लगता है, वो बोलता है, “लोमड़ी मौसी तुम कल वापस आना फिर तुम देखना मै राजा हूँ या  नहीं.” लोमड़ी उसको भड़काने के लिए बोलती है, “चलो कल ये भी देख लेते है.”

लोमड़ी के जाने के बाद बाद बैल अपने बाकी दोस्तों के पास जाता है और बोलता है, “भाई लोगो हर जानवर के झुंड में एक राजा होता है तो मैंने निश्चय किया है की मै आज से अपने झुंड का राजा हूँ क्योकि मै अपने झुंड का सबसे बलवान और बुद्धिमान बैल हूँ, मेरी सींग सबसे बड़ी और मजबूत है, और मै तुम सबकी जंगल के खतरनाक जानवरो से रक्षा करूँगा.

उसकी बात सुनकर बाकी तीनो बैलो को बहुत गुस्सा आया, और वो एक साथ बोलने लगे की तुमको किसने बोल दिया की तुम सबसे ज्यादा बलशाली और मजबूत हो?

उनमे से एक बैल बोलता है की तुम तीनो में सबसे बड़ा मै हूँ तो मुझे ही राजा बनना चाहिए, तभी दूसरा बैल बोलता है की मेरी सींग सबसे बड़ी और मजबूत है तो मै ही राजा बनूँगा, तीसरा बैल बोलता है की हम चारो में मै ही सबसे बलशाली हूँ तो मै ही राजा बनूँगा, तभी चौथा बैल बोलता है की राजा तो मै ही बनूँगा.

इस तरह वो चारो आपस में बहस करने लगते है, धीरे धीरे बात बढ़ जाती है और चारो आपस में ही लड़ने लगते है. थोड़े समय के बाद लड़ाई बहुत बहुत बढ़ जाती है और चारो बैल एक दूसरे को मार मार कर घायल कर देते है, और अंत में सभी बैल घायल होकर जमीन पर गिर जाते है.

लोमड़ी छुप कर उन चारो की लड़ी देख रही होती है, वो भाग के शेर को बुला लाती है. अब वो चारो शेर के लिए एक आसान शिकार थे और कोई भी बैल किसी दूसरे बैल की मदद नहीं कर सकता था. इस तरह शेर में चारो बैलो को मार कर खा लिया.

इस कहानी से शिक्षा: एकता में ही शक्ति है, जैसे ही हमारे बीच में फूट पड़ती है दुश्मन उसका फ़ायदा उठा लेता है.

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