बैल और गधा की कहानी
बहुत समय पहले की बात है एक गांव में एक किसान रहता था। उसके पास एक बैल और एक गधा था। किसान बैल से खेतो में जुताई करवाता और बाकी खेती से जुड़े कामो में भी मदद लेता था। फसल तैयार होने के बाद, गधे को फसल को अपनी पीठ पर लादकर बाजार में बेचने के लिए ले जाना पड़ता था।
किसान को एक बार एक ऋषि ने वरदान दिया था कि वह जानवरों की भाषा समझने में सक्षम होगा। एक दिन बैल और गधा घर के पिछवाड़े में चारा खा रहे थे। तभी किसान वहां से गुजरा। उसने गधे को कर्कश स्वर में बैल से बात करते सुना। इसलिए, वह एक पेड़ के पीछे छिप गया और उनकी बातचीत सुनने लगा।
गधा बैल से कहता है, “बैल भाई, तुम बहुत मेहनत करते हो, तुम्हें देखकर मुझे बहुत बुरा लगता है।” मेरी तरफ देखो! थोड़ा सा भोझ उठता हूँ, और पूरे दिन अपने भोजन का आनंद लेता हूँ। तुम दिन भर खेतों में काम करते हो और फिर भी वही खाना पाते हो जो मुझे मिलता है।”
बैल गधे की बात सुनता है और जवाब देता है “यह सच है, दोस्त। लेकिन मैं क्या कर सकता हूँ?” इतना कहते ही बैल ने एक गहरी सांस ली।
गधे ने उत्तर दिया, “यदि आप भी जीवन का आनंद लेना चाहते हैं, तो बीमार होने का नाटक करें। जब आप मालिक को देखें, तो कराहने का नाटक करें और सुबह बिल्कुल न उठें।”
किसान दोनों की बात सुनकर सब कुछ समझ गया, लेकिन वह चुप रहा। अगली सुबह, हमेशा की तरह, किसान बैल को खेतों में ले जाने के लिए आया।
“आह… मैं अपने पैर भी नहीं हिला सकता,” बैल कराह उठा। किसान उनकी योजना जानता था, जैसा कि उसने उन्हें पहले ही सुना था, फिर भी वह शांत रहा और कहा, “ठीक है बैल। तुम बीमार लग रहे हो। आज तुम आराम करो। तुम्हारे बजाय, मैं गधे को अपने साथ खेत में ले जाऊंगा।” तब वह गधे को अपने साथ खेतों में काम करने के लिए ले गया।
उस दिन गधे को खेत जोतना पड़ा, भारी बोझ ढोना पड़ा, और वह सब करना पड़ा जो बैल प्रतिदिन करता था। शाम को जब वह घर पहुंचा तो वह पूरी तरह से थक चुका था। बैल गधे को देखकर खुश हो जाता है और जयकार करने लगता है और कहता है, “धन्यवाद, दोस्त। तुमने मुझे एक बहुत ही मूल्यवान सुझाव दिया। कल फिर से मैं बीमार होने और आराम करने का नाटक करूंगा।”
बैल की बात सुनकर गधा तुरंत कहता है “नहीं, नहीं…” “फिर से ऐसा करने की सोचना भी मत। किसान आज आपसे बहुत नाराज़ था। बीमार रहने पर वह आपको कसाई को बेचने की सोच रहा है। बेहतर है। तुम जल्दी उठो और खेतो में जाने के लिए तैयार हो जाओ। हमें अपना काम पूरे मन से करना चाहिए।”
किसान ने जब गधे को बैल से यह कहते सुना तो वह मन ही मन मुस्कुराने लगा। वह जानता था कि गधे ने अपना सबक सीख लिया है, और अब वह बैल को कामचोरी करने के लिए कभी नहीं कहेगा।
कहानी से शिक्षा: हमें हमेशा “अपने काम से काम रखना” चाहिए, नहीं तो हम किसी भी समय मुसीबत में पड़ सकते हैं।
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