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चोर और कुत्ता – बुद्धिमान कुत्ते की कहानी

बहुत समय पहले की बात है, एक छोटे से गाँव में मोती नाम का एक वफादार कुत्ता रहता था। मोती अपने मालिक रामू काका के घर की रखवाली करता था। रामू काका एक ईमानदार किसान थे और मोती से बहुत प्रेम करते थे।

एक रात, जब पूरा गाँव गहरी नींद में सोया हुआ था, कालू नाम का एक चोर रामू काका के घर में घुसने की योजना बना रहा था। कालू को पता था कि रामू काका ने अपनी फसल बेचकर कुछ पैसे कमाए थे।

चोर धीरे-धीरे घर के पास आया। उसने देखा कि मोती दरवाजे के पास सो रहा था। कालू ने सोचा, “अगर यह कुत्ता भौंकने लगा तो सारा गाँव जग जाएगा। मुझे कोई तरकीब सोचनी होगी।”

चालाक चोर ने अपने झोले से एक रोटी निकाली और मोती के पास फेंकी। मोती की आँख खुल गई। उसने रोटी को देखा और फिर चोर को देखा।

चोर ने मीठी आवाज में कहा, “अरे प्यारे कुत्ते, यह स्वादिष्ट रोटी तुम्हारे लिए है। इसे खाओ और चुपचाप सोते रहो।”

लेकिन मोती एक बुद्धिमान कुत्ता था। उसने चोर की चालाकी को समझ लिया। मोती ने गंभीर आवाज में कहा, “ओ चोर! तू मुझे मूर्ख समझता है? जो व्यक्ति बिना कारण किसी को खाना देता है, उसके मन में जरूर कोई बुरी योजना होती है।”

चोर ने हकलाते हुए कहा, “नहीं-नहीं, मैं तो सिर्फ तुम्हें खुश करना चाहता था।”

मोती ने तुरंत जवाब दिया, “अगर तू सच में मुझे खुश करना चाहता है, तो यहाँ से चला जा। मेरे मालिक की संपत्ति पर बुरी नजर मत डाल।”

चोर ने एक बार फिर कोशिश की, “देख, मैं तुझे रोज खाना दूंगा अगर तू चुप रहे।”

इस पर मोती ने गुस्से से कहा, “तू मुझे रिश्वत देकर अपना काम करवाना चाहता है? मैं अपने मालिक के साथ विश्वासघात नहीं कर सकता। वह मुझे रोज खाना देते हैं क्योंकि वे मुझसे प्रेम करते हैं, तू मुझे खाना देना चाहता है ताकि मैं चोरी में तेरा साथ दूं।”

चोर को समझ आ गया कि यह कुत्ता उसकी बात नहीं मानेगा। वह डर गया कि कहीं मोती भौंकने न लगे।

तभी मोती ने जोर से भौंकना शुरू कर दिया, “भौं-भौं-भौं! चोर आया है! चोर आया है!”

मोती की आवाज सुनकर रामू काका और पड़ोसी जग गए। सभी लोग लाठी लेकर बाहर निकले। चोर को भागना पड़ा और वह खाली हाथ वापस चला गया।

सुबह होने पर रामू काका ने मोती को गले लगाया और कहा, “मोती, तुमने हमारे घर की रक्षा की है। तुम सच्चे वफादार हो।”

गाँव के सभी लोगों ने मोती की बुद्धिमानी और वफादारी की प्रशंसा की। चोर को समझ आ गया कि ईमानदारी से मेहनत करना ही सबसे अच्छा रास्ता है।

कहानी की सीख:

इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि वफादारी और ईमानदारी सबसे बड़े गुण हैं। हमें कभी भी रिश्वत या लालच में आकर गलत काम नहीं करना चाहिए। सच्चा मित्र वही होता है जो मुश्किल समय में भी अपने सिद्धांतों पर अडिग रहता है। चोर और कुत्ता की इस कहानी से यह भी पता चलता है कि बुराई कभी भी अच्छाई पर विजय नहीं पा सकती।

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