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नाई और नेवला की अनोखी मित्रता

बहुत समय पहले की बात है, एक छोटे से गाँव में रामू नाई रहता था। वह बहुत ही दयालु और मेहनती था। रामू की दुकान गाँव के बीचों-बीच थी, जहाँ वह लोगों के बाल काटता और दाढ़ी बनाता था।

एक दिन की बात है, जब रामू अपनी दुकान में काम कर रहा था, तो उसने देखा कि एक छोटा सा नेवला उसकी दुकान के कोने में छुप रहा था। नेवला बहुत डरा हुआ और भूखा लग रहा था।

“अरे छोटे नेवले, तू यहाँ क्यों छुप रहा है?” रामू ने प्यार से पूछा।

नेवला धीरे-धीरे बाहर आया और बोला, “नाई जी, मैं बहुत भूखा हूँ और मेरा कोई घर नहीं है। क्या आप मुझे यहाँ रहने दे सकते हैं?”

रामू का दिल पिघल गया। उसने तुरंत नेवले को खाना दिया और कहा, “तू यहाँ रह सकता है, लेकिन मेरी एक शर्त है। तुझे मेरी दुकान की रखवाली करनी होगी।”

नेवला खुशी से झूम उठा और बोला, “जी हाँ नाई जी, मैं आपकी दुकान की अच्छी तरह रखवाली करूँगा।”

दिन बीतते गए और नाई और नेवला की दोस्ती गहरी होती गई। नेवला रात में दुकान की रखवाली करता और चूहों को भगाता था। दिन में वह रामू के काम में मदद करता था।

एक दिन, गाँव में एक धनी सेठ आया। उसने रामू से कहा, “नाई जी, मैं आपको शहर में अपनी बड़ी दुकान में काम देना चाहता हूँ। आप वहाँ बहुत पैसा कमा सकते हैं।”

रामू खुश हो गया, लेकिन फिर उसे अपने दोस्त नेवले की याद आई। वह परेशान हो गया कि अगर वह शहर चला गया तो नेवले का क्या होगा?

नेवले ने रामू की परेशानी देखी और पूछा, “नाई जी, आप उदास क्यों हैं?”

रामू ने सारी बात बताई। नेवला समझदार था। उसने कहा, “नाई जी, आप शहर जाइए। यह आपके लिए अच्छा मौका है। मैं यहाँ आपकी दुकान की देखभाल करूँगा।”

लेकिन रामू ने कहा, “नहीं मेरे दोस्त, मैं तुझे अकेला नहीं छोड़ सकता। दोस्ती पैसे से कहीं ज्यादा कीमती है।”

यह सुनकर नेवला की आँखों में आँसू आ गए। उसने कहा, “नाई जी, आपने मुझे सच्ची दोस्ती का मतलब सिखाया है।”

तभी सेठ जी ने एक और प्रस्ताव रखा। उन्होंने कहा, “रामू जी, अगर आप चाहें तो अपने नेवले को भी साथ ले जा सकते हैं। मेरी दुकान में चूहों की बहुत समस्या है।”

इस तरह नाई और नेवला दोनों साथ-साथ शहर गए। वहाँ उन्होंने मिलकर बहुत सफलता पाई। रामू की नाई की दुकान प्रसिद्ध हो गई और नेवले ने पूरी दुकान को चूहों से मुक्त रखा।

कहानी की सीख:

इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि सच्ची मित्रता धन-दौलत से कहीं अधिक मूल्यवान होती है। जब हम अपने दोस्तों का साथ देते हैं और उनकी परवाह करते हैं, तो भगवान हमें और भी अच्छे रास्ते दिखाता है। नाई और नेवला की तरह, हमें भी अपने दोस्तों के साथ वफादार रहना चाहिए और मुश्किल समय में एक-दूसरे का साथ देना चाहिए। सच्ची मित्रता और धन-दौलत के बारे में और जानें।

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