Elephant and The Tailor Story In Hindi | हाँथी और दर्जी की कहानी
एक समय की बात है, घनापुर नामक जंगल में एक हाँथी रहता था, वो रोज नदी के किनारे पानी पीने और नहाने आता था।
हाँथी की जंगल में जाने के लिए एक गांव से गुजरना पड़ता था, गांव के लोग उस हाँथी से बिलकुल भी नहीं डरते थे और उसको काफी प्यार करते थे, क्योकि हाँथी ने आज तक कभी किसी को कोई नुकसान नहीं पहुंचाया था।
उसी गांव में एक राम नाम के दर्जी की दुकान भी थी, राम और हाँथी काफी अच्छे दोस्त बन गए थे।
हाँथी रोज राम की दुकान पर जाता था, और राम उसको केले खिलाता था।
राम और हाँथी की दोस्ती पूरे गांव में मशहूर थी, और काफी सारे लोग उसको हाँथी वाला दर्जी के नाम से पुकारते थे, हाँथी की वजह से राम भी बहुत प्रसिद्ध हो गया था, और उसके पास बहुत सारे लोग अपने कपडे सिलवाने देने आने लगे।
ये दोस्ती का सिलसिला काफी सालो तक चलता रहा।
लेकिन एक बार की बात है, राम काफी बीमार पड़ गया और उसको इलाज के लिए दूसरे गांव के डॉक्टर के पास जाना पड़ा।
राम काफी चिंतित था की उसको अपनी दुकान एक दिन के लिए बंद रखनी पड़ेगी, तभी राम का लड़का राहुल बोलता है “पापा आप चिंता मत करो मै दुकान संभाल लूंगा” ये सुनकर राम को काफी अच्छा लगता है।
लेकिन वो जाने से पहले राहुल को बोलता है की बेटे मुझे पता है तुमको शैतानी करना काफी अच्छा लगता है, लेकिन ध्यान रखना तुम्हारी शैतानी से किसी को तकलीफ नहीं होनी चाहिए।
राहुल बोलता है “पापा आप निश्चिंत होकर जाओ मै दुकान का पूरा ख्याल रखूंगा और कुछ शैतानी भी नहीं करूँगा”।
राम ख़ुशी ख़ुशी डॉक्टर को दिखाने चला जाता है, और राहुल दुकान संभल लेता है।
हर दिन की तरह उस दिन भी हाँथी दुकान पर आता है, पहली बार राम को ना देखकर हाँथी को काफी हैरानी होती है, और फिर वो राहुल की तरफ अपनी सूंड बढाकर केले मांगता है।
राहुल सोचता है की इस हाँथी को केले खिलाने की वजहा से रोज़ पापा को काफी नुकसान होता है, मै इस हाँथी को केले नहीं खिलाऊंगा तो हमारे व्यापार में फायदा बढ़ जायगा और मै पापा को भी दिखा सकता हूँ कि मै व्यापार को अच्छे से चलाने लायक हूँ।
ये सोच कर राहुल हाँथी को केले नहीं देता है, हाँथी फिर अपनी सूंड आगे बढ़ाता है तो राहुल गुस्से में उसकी सूंड में सुई चुभा देता है।
हाँथी को बहुत गुस्सा आता है और वो नदी की तरफ चला जाता है, और वहा से सूंड में कीचड भरकर वापस आता है, और पूरी दुकान में फेंक देता है।
तभी राम वापस आ जाता है और जब उसको इस बारे में पता चलता है वो वो भाग कर अपनी दुकान पर पहुंच जाता है, और दुकान की हालत देखकर बहुत दुखी होता है।
वो हाँथी को अपने हांथो से केले खिलता है, और अपने बेटे को काफी डांटता है।
अब राहुल को भी अपनी गलती का एहसास होता है, और वो जाकर हाँथी से माफी मांगता है और उसको अपने हाथो से केले खिलाता है।
बच्चो हमें हाँथी और दर्जी की कहानी से क्या शिक्षा मिलती है- हमें लाभ के लिए पुरानी दोस्ती नहीं तोड़नी चाहिए।
दोस्तों कैसी लगी आपको यह Elephant and The Tailor Story In Hindi | हाँथी और दर्जी की कहानी कैसी लगी? ऐसी ही मजेदार कहानिया पढ़ने के लिए StoriesPub पर आते रहे, और ये कहानी अपने दोस्तों के साथ भी शेयर करे।
1. Naughty Monkey And The Carpenter