Summarize this Article with:

चूहे और हाथी की अनोखी दोस्ती

एक घने जंगल में गजराज नाम का एक विशाल हाथी रहता था। वह बहुत दयालु और शांत स्वभाव का था। उसी जंगल में चिंकू नाम का एक छोटा चूहा भी रहता था। चिंकू बहुत चंचल और बातूनी था।

एक दिन चिंकू खेलते-खेलते गजराज के पैर के पास आ गया। गजराज ने उसे देखा और मुस्कराते हुए कहा, “नमस्ते छोटे मित्र! तुम यहाँ क्या कर रहे हो?”

चिंकू डर गया और कांपते हुए बोला, “मा… माफ करना गजराज जी! मैं तो बस खेल रहा था।”

गजराज ने हंसते हुए कहा, “डरो मत मित्र! मैं तुम्हें कोई नुकसान नहीं पहुंचाऊंगा। क्या तुम मेरे दोस्त बनोगे?”

चिंकू को बड़ा आश्चर्य हुआ। उसने सोचा था कि इतना बड़ा हाथी उससे दोस्ती कैसे कर सकता है। लेकिन गजराज की मधुर आवाज़ सुनकर उसका डर गायब हो गया।

“हाँ गजराज जी! मैं आपका दोस्त बनना चाहूंगा,” चिंकू ने खुशी से कहा।

इस तरह दोनों में गहरी दोस्ती हो गई। दोस्ती की अहमियत को समझते हुए, वे रोज़ मिलते और साथ समय बिताते। गजराज चिंकू को अपनी सूंड पर बिठाकर जंगल की सैर कराता, और चिंकू उसे मज़ेदार कहानियां सुनाता।

कुछ दिन बाद, जंगल में शिकारी आए। उन्होंने गजराज को पकड़ने के लिए एक मज़बूत जाल बिछाया। अगली सुबह जब गजराज पानी पीने गया, तो वह उस जाल में फंस गया।

गजराज ने बहुत कोशिश की लेकिन जाल से निकल नहीं पाया। वह जोर-जोर से चिल्लाने लगा। चिंकू ने अपने दोस्त की आवाज़ सुनी और तुरंत दौड़ा आया।

“गजराज जी! आप यहाँ कैसे फंस गए?” चिंकू ने चिंता से पूछा।

“चिंकू मित्र, शिकारियों ने मुझे फंसा दिया है। अब तो मैं गया काम से। तुम यहाँ से भाग जाओ, कहीं तुम भी न फंस जाओ,” गजराज ने दुखी होकर कहा।

लेकिन चिंकू ने दोस्ती की अहमियत को समझते हुए कहा, “नहीं गजराज जी! मैं आपको छोड़कर नहीं जाऊंगा। दोस्त मुसीबत में एक-दूसरे का साथ देते हैं।”

चिंकू ने तुरंत अपने तेज़ दांतों से जाल की रस्सियों को कुतरना शुरू किया। वह बिना रुके काम करता रहा। कुछ ही देर में उसने जाल में एक बड़ा छेद कर दिया।

गजराज उस छेद से निकलकर आज़ाद हो गया। उसकी आंखों में खुशी के आंसू थे।

“चिंकू मित्र, तुमने मेरी जान बचाई है। मैं तुम्हारा एहसान कभी नहीं भूलूंगा,” गजराज ने कृतज्ञता से कहा।

चिंकू ने मुस्कराते हुए जवाब दिया, “गजराज जी, यही तो दोस्ती है! आकार में छोटा होना कोई बात नहीं। सच्चे दोस्त हमेशा एक-दूसरे के काम आते हैं।”

उस दिन के बाद दोनों दोस्तों का रिश्ता और भी मज़बूत हो गया। जंगल के सभी जानवर उनकी दोस्ती की मिसाल देते थे।

शिक्षा: इस कहानी से हमें दोस्ती की अहमियत का पता चलता है। सच्ची दोस्ती में आकार, जाति या रूप-रंग का कोई भेद नहीं होता। छोटे से छोटा व्यक्ति भी बड़े से बड़े काम आ सकता है। दोस्त वही होता है जो मुसीबत के समय साथ खड़ा रहे। हमें हमेशा अपने दोस्तों की मदद करनी चाहिए और उनका साथ देना चाहिए।

Summarize this Article with:

About Me

Welcome to StoriesPub.com We started in 2019 with a simple idea to provide our readers with useful and interesting information. Our team is dedicated to curating a wide range of captivating content in different categories, including inspirational stories, funny tales, Parenting, Kids’ products, Educational AI content, Tech content, coloring books, how to draw, and more.