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सात सवालों की खोज: हुस्नबानो की कहानी

बादशाह अकबर के दरबार में एक दिन एक अजीब घटना घटी। दरबार में एक सुंदर राजकुमारी हुस्नबानो आई, जिसके पिता ने घोषणा की थी कि जो भी व्यक्ति सात सवालों की खोज में सफल होगा, वही उसकी बेटी से विवाह कर सकेगा।

राजकुमारी के पिता राजा विक्रमादित्य ने कहा, “हे बादशाह अकबर! मेरी बेटी हुस्नबानो अत्यंत बुद्धिमान है। उसने स्वयं ये सात कठिन प्रश्न तैयार किए हैं। जो भी इन सभी का उत्तर देगा, वही उसका पति बनने का अधिकारी होगा।”

बादशाह अकबर ने उत्सुकता से पूछा, “क्या हैं वे सात प्रश्न?”

हुस्नबानो ने मधुर आवाज में कहा, “पहला प्रश्न – वह क्या है जो दिन में सोता है और रात में जागता है? दूसरा – वह कौन सा पेड़ है जिसकी जड़ें ऊपर और शाखाएं नीचे होती हैं? तीसरा – वह क्या है जो बिना पैर के चलता है? चौथा – कौन सा ऐसा घर है जिसमें दरवाजे नहीं होते? पांचवा – वह कौन है जो राजा से भी ज्यादा शक्तिशाली है? छठा – वह क्या है जो देने से बढ़ता है? और सातवां – वह कौन सा खजाना है जो चोरी नहीं हो सकता?”

दरबार में सन्नाटा छा गया। सभी दरबारी एक-दूसरे का मुंह देखने लगे। सात सवालों की खोज में कई विद्वान असफल हो गए।

तभी बीरबल ने मुस्कराते हुए कहा, “हुजूर, क्या मैं इन प्रश्नों के उत्तर दे सकता हूं?”

अकबर ने प्रसन्नता से कहा, “हां बीरबल, तुम्हारी बुद्धि पर मुझे पूरा भरोसा है।”

बीरबल ने धीरे-धीरे उत्तर देना शुरू किया। “राजकुमारी जी, पहले प्रश्न का उत्तर है – तारे। वे दिन में छुप जाते हैं और रात में चमकते हैं। दूसरे प्रश्न का उत्तर है – बरगद का पेड़, जिसकी हवाई जड़ें ऊपर से नीचे आती हैं। तीसरे का उत्तर है – नदी, जो बिना पैर के बहती रहती है।”

हुस्नबानो की आंखों में चमक आ गई। वह समझ गई कि बीरबल वास्तव में बुद्धिमान है।

बीरबल ने आगे कहा, “चौथे प्रश्न का उत्तर है – अंडा, जिसमें कोई दरवाजा नहीं होता। पांचवें का उत्तर है – समय, जो राजा से भी शक्तिशाली है। छठे का उत्तर है – ज्ञान, जो बांटने से बढ़ता है। और सातवें का उत्तर है – विद्या, जो कभी चोरी नहीं हो सकती।”

राजा विक्रमादित्य और हुस्नबानो दोनों बीरबल की बुद्धिमत्ता से प्रभावित हो गए। हुस्नबानो ने कहा, “आपने सात सवालों की खोज में सफलता पाई है, लेकिन मैं जानना चाहती हूं कि आपने ये उत्तर कैसे सोचे?”

बीरबल ने विनम्रता से कहा, “राजकुमारी जी, ये सभी उत्तर हमारे आसपास के जीवन में छुपे हुए हैं। जो व्यक्ति प्रकृति और जीवन का गहराई से अवलोकन करता है, वह इन रहस्यों को समझ सकता है।”

अकबर ने गर्व से कहा, “बीरबल, तुमने एक बार फिर साबित कर दिया कि बुद्धि और विवेक से कोई भी समस्या हल हो सकती है।”

हुस्नबानो ने मुस्कराते हुए कहा, “मैं बीरबल जी की बुद्धिमत्ता से बहुत प्रभावित हूं, लेकिन मैं पहले से ही विवाहित हूं। मेरा उद्देश्य केवल यह जानना था कि क्या कोई व्यक्ति इन कठिन प्रश्नों का उत्तर दे सकता है।”

सभी हंस पड़े। राजा विक्रमादित्य ने बीरबल को बहुमूल्य उपहार दिए और कहा, “आपकी बुद्धि का सम्मान करते हुए, मैं आपको अपने राज्य का मित्र घोषित करता हूं।”

इस प्रकार सात सवालों की खोज में बीरबल की जीत हुई। उन्होंने सिद्ध कर दिया कि सच्ची बुद्धि वह है जो जीवन के हर पहलू को समझती है और प्रकृति से सीखती है। यह कहानी हमें सिखाती है कि धैर्य, अवलोकन और गहरी सोच से हर समस्या का समाधान मिल सकता है।

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