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चतुर बंदर और चोर राक्षस की कहानी
बहुत समय पहले, एक घने जंगल में चिंकू नाम का एक चतुर बंदर रहता था। वह अपनी बुद्धिमानी के लिए पूरे जंगल में प्रसिद्ध था। जंगल के सभी जानवर उसकी सलाह लेने आते थे।
उसी जंगल में काला राक्षस भी रहता था, जो एक चोर था। वह रात के अंधेरे में जानवरों के घरों से खाना चुराता रहता था। सभी जानवर उससे बहुत डरते थे।
एक दिन चिंकू ने देखा कि जंगल के सभी जानवर परेशान हैं। खरगोश मामा रो रहे थे क्योंकि उनकी सारी गाजर चोरी हो गई थी। गिलहरी दीदी उदास थीं क्योंकि उनके सारे मेवे गायब थे।
“क्या बात है सबकी?” चिंकू ने पूछा।
“चिंकू भाई, वह चोर राक्षस हमारा सब कुछ चुरा लेता है। हम क्या करें?” खरगोश मामा ने कहा।
चिंकू ने सोचा और बोला, “चिंता मत करो, मैं इस समस्या का हल निकालूंगा।”
अगली रात, चिंकू ने एक योजना बनाई। उसने जंगल के सभी जानवरों से कहा, “आज रात सभी अपने घरों में नकली खाना रख दो और असली खाना छुपा दो।”
चिंकू ने मिट्टी से बने फल बनाए और उन पर रंग लगाया। वे बिल्कुल असली लगते थे। फिर उसने उन पर जादुई पाउडर छिड़का जो उसे एक बूढ़े बाबा से मिला था।
रात को जब चोर राक्षस चोरी करने आया, तो उसे हर जगह स्वादिष्ट फल दिखे। वह खुशी से नाचने लगा और सारे नकली फल खा गया।
“वाह! आज तो बहुत अच्छा खाना मिला,” राक्षस ने सोचा।
लेकिन जादुई पाउडर का असर होते ही राक्षस को तेज़ पेट दर्द होने लगा। वह दर्द से कराहने लगा। तभी चिंकू पेड़ से कूदकर नीचे आया।
“क्या हुआ राक्षस जी? तबीयत ठीक नहीं लग रही?” चिंकू ने मुस्कराते हुए कहा।
“अरे चिंकू! मुझे बहुत दर्द हो रहा है। कुछ करो!” राक्षस ने गिड़गिड़ाते हुए कहा।
चिंकू बोला, “यह तुम्हारी चोरी का फल है। अगर तुम वादा करो कि अब कभी चोरी नहीं करोगे, तो मैं तुम्हें दवा दूंगा।”
दर्द से परेशान राक्षस ने तुरंत वादा किया, “मैं कसम खाता हूं कि अब कभी चोरी नहीं करूंगा। बस मुझे दवा दे दो।”
चिंकू ने उसे जड़ी-बूटी की दवा दी। राक्षस का दर्द ठीक हो गया। उसने अपना वादा निभाया और फिर कभी चोरी नहीं की।
बल्कि अब वह जंगल के जानवरों की मदद करने लगा। वह अपनी ताकत का इस्तेमाल करके भारी सामान उठाने में सबकी सहायता करता था।
सभी जानवर खुश हो गए। चिंकू की बुद्धिमानी की सभी तारीफ करने लगे।
शिक्षा: इस कहानी से हमें सीख मिलती है कि बुद्धि बल से बड़ी होती है। चोरी करना गलत है और हर गलत काम का बुरा परिणाम होता है। समस्या का समाधान हिंसा से नहीं बल्कि समझदारी से होता है। जैसे चिंकू ने बिना किसी को नुकसान पहुंचाए चोर राक्षस को सबक सिखाया और उसे अच्छा इंसान बनाया।












