तेंदुआ चुड़ैल की शादी की कहानी

एक बार की बात है एक जंगल के किनारे एक काफी खूबसूरत गांव हुआ करता था वह गांव काफी हरा भरा था उस गांव के सारे निवासी काफी खुश रहा करते थे।
गांव के पासी एक भयानक जंगल हुआ करता था जहां जंगली जानवर रहते थे इसलिए गांव वालों ने उस गांव के चारों तरफ चार दिवारी बना दी थी ताकि उनकी सुरक्षा हो सके।

एक बार गांव में एक मेला लगा था सभी लोग काफी खुश थे और तरह-तरह की खरीदारी कर रहे थे अचानक से खूबसूरत लड़की जंगल के रास्ते से निकलकर मेले में आती है वह मेला घूम रही होती है और किसी से कोई भी बात नहीं कर रही होती वह लड़की वाकई में काफी खूबसूरत थी और गांव के हर एक युवक उसको देख रहा होता है और उसकी खूबसूरती को देखकर उससे शादी करना चाहता है।

कुछ समय मेला घूमने के बाद वह लड़की वापस जंगल की ओर चली जाती है और जंगल में गायब हो जाती है।

इसी तरह, वह कभी-कभार गांव आती और जंगल में खो जाती है। आश्चर्यजनक बात यह थी कि जब भी वह गाँव आती थी, गाँव से कोई न कोई जवान गायब हो जाता था।

किसी को उस पर शक नहीं हुआ क्योंकि सभी जानते थे कि जंगल में खतरनाक जानवर रहते हैं। इसलिए वे सोचते थे कि कोई जानवर गांव के लोगों को ले गया है।

दस से पंद्रह दिनों में, वह ज्यादातर गाँव में एक बार दिखाई देती थी। उसके जाने के बाद गांव के युवक उसकी एक झलक देखने को परेशान रहते। फिर उसके बाद वह काफी दिनों तक गांव नहीं आई, गांव के युवक उसका इंतजार करते करते थक गए।

अचानक गांव में महामारी फैल गई, सब लोग महामारी से मरने लगे। उसी समय अचानक से वह औरत जंगल की ओर से फिर से गांव में आई और गांव वालों की सेवा करने लगी।

गाँव का एक व्यक्ति उसकी सुंदरता से इतना मोहित हो गया था कि उसने तय कर लिया था कि वह केवल उससे शादी करेगा। और जब वह वापस जंगल की ओर जाने लगी, तो वह युवक भी बिना कुछ कहे उसका पीछा करने लगा। युवक को पीछे से आते देखकर पहली बार उसने कहा- तुम मेरे पीछे क्यों आ रहे हो? आप गांव में सुरक्षित हैं, जंगल में नरभक्षी तेंदुआ है। अगर आप अपना भला चाहते हैं तो तुरंत यहां से चले जाइए। अगर वह तेंदुआ आपको देखता है, तो वह आपको नहीं छोड़ेगा।

लेकिन वह युवक जिसका नाम विजय था वो नहीं रुका और बोला मैं तुम्हे पिछले कई दिनों से देख रहा हूं और बहुत प्रेम करता हूं। मैं किसी भी तरह से तुमसे शादी करना चाहता हूं और अपनी पत्नी बनाना चाहता हूं। मैं अपना जीवन आपके साथ बिताना चाहता हूं और यदि आप नहीं हैं, तो मुझे अपने जीवन में कोई दिलचस्पी नहीं है।

लड़की ने कहा मेरा नाम सिंघिका है और मैं इसी जंगल में रहती हूँ। मेरा जन्म जंगल में ही हुआ है मैं जंगल के बाहरी लोगों से विवाह नहीं कर सकती। तुम जल्दी से जल्दी यहां से चले जाओ वरना बहुत पछताओगे। वह तेंदुआ तुम्हें टुकड़े-टुकड़े कर देगा। मैं भी तुम्हें बहुत दिनों से देख रही हूं और मुझे मालूम है कि तुम मुझसे प्रेम करते हो और मैं तुमसे बताना चाहती हूं कि मैं भी तुमसे प्रेम करती हूं।

लेकिन फिर भी मैं मजबूर हूं। मैं आपके लिए इतना कर सकती हूं कि मैं आपको 10 मिनट दे रही हूं और आप यहां से लौट जाएंगे। आप जल्द से जल्द यहां से चले जाएं, वरना जो होगा उसके लिए मैं जिम्मेदार नहीं हूं।

मुझे अपने साथ आने से मत रोको, मेरे भाग्य में जो भी होगा मैं उसे अपनाने के लिए तैयार हूं। लेकिन मैं आपको छोड़कर नहीं रह सकता।

अचानक, सिंघिका की आँखें पूरी तरह से लाल होने लगीं, उसके नाखून उंगलियों से निकलकर तेंदुए की तरह मुड़ गए, और वह खुंखार आवाज में बोली, “अरे मूर्ख, मेरा विवाह नहीं हो सकता। मैं तुम्हें कितना समझा रही हूं, अब मैं अपना आपा खों रही हूं।” मैं एक तेंदुआ चुड़ैल हूँ और तुमसे प्यार करती हूँ लेकिन मैं मनुष्य की गंध के कारण अपना होश खो देती हूँ।

अगर तुम 2 मिनट के अंदर यहां से नहीं गये तो मैं तुम्हारे टुकड़े टुकड़े कर के तुम्हारा खून पी जाऊंगी और तुम्हे खा जाउंगी। मैं तुम्हारे गांव में अपनी खूबसूरती से युवकों को अपने पीछे ले आती हूं और फिर उन्हें खा जाती हु,। मुझे लगता है तुम मानोगे नहीं, इसलिए मैं तुम्हारा ताजा खून पीकर ही अपनी प्यास मिटा लेती हूं।

यह कहते हुए, उसके हाथ, पैर धीरे-धीरे बदलने लगते हैं और फिर वह तेंदुए में बदल जाती है। यह देखकर विजय पूरी तरह से डर गया और भागने लगा। डर के मारे वह इतनी तेजी से भाग रहा था कि उसने यह भी नहीं देखा कि सामने एक नदी बह रही है और वह दौड़ते हुए, नदी में गिर गया।

बहते हुए, उसने देखा कि एक तेंदुआ नदी के किनारे खड़ा है, उसे देख रहा है और अपने होंठों पर अपनी जीभ घुमा रहा है।

आखिर किसी तरह वो अपने गांव पहुंचा और गांव वालों को सारी बात बताई पर किसी ने उसकी बातों पर विश्वास नहीं किया। सभी कहने लगे कि लगता है लड़की ने तुमसे शादी करने से इनकार कर दिया है, इसलिए तुम उसे बदनाम करने के लिए ऐसी बातें फैला रहे हो।

सब उसका मजाक उड़ाने लगे लेकिन उस दिन के बाद विजय थोड़ा सा सहम गया और ज्यादातर घर के अंदर रहने लगा। अचानक एक दिन उसके दोस्त ने आकर उसे खबर दी। जंगल से वह युवती वापस गांव में आई है और तेरा पता पूछ रही है।

यह बात सुनकर वह डर से थरथर कांपने लगा। कुछ ही समय बाद, उसके दरवाजे से दरवाजा खटखटाने की आवाज आने लगी। विजय ने खिड़की से देखा, तो वह जंगल वाली युवती दरवाजा खटखटा रही थी।

विजय का दोस्त दरवाजा खोलता है। महिला ने विजय की तरफ देखते हुए कहा, मैंने आपका बहुत इंतजार किया, लेकिन आप वापस नहीं आए, इसलिए मुझे आना पड़ा।

मैं पूरे गांव के सामने यह कहना चाहती हूं कि मैं आपसे विवाह करना चाहती हूं और आपकी पत्नी बनकर बाकी जीवन बिताना चाहती हूँ। विजय हाथ जोड़कर विनती करता है कि मैं शादी नहीं करना चाहता।

गांव वालों ने सोचा, पहले युवती ने विवाह करने से इंकार कर दिया था इसलिए क्रोध में विजय विवाह करने से इंकार कर रहा है। उन्होंने जबर्दस्ती उस युवती के साथ विजय का विवाह कर दिया। अब वह युवती विजय की पत्नी बन कर उसके घर में रहने लगी।

रोज रात में वह विजय के घर में गांव वालों को घसीट के ले आती और पूरा दिन बैठकर उनका मांस खाती। विजय के घर के पीछे, गांव वालों के चप्पलों और कपड़ों का ढेर लग गया था।

विजय किसी से कुछ नहीं कह पा रहा था क्योंकि उसकी पत्नी ने उससे कहा था कि अगर तुमने किसी से कुछ कहा तो मैं तुम्हारा हाल इससे भी बुरा कर दूंगी। मैं तुम्हारी पत्नी इसीलिए बनी हूं कि आसानी से गांव वालों को खा सकूं।

रोज गांव से किसी ना किसी के घर से कोई ना कोई गायब हो जाता। धीरे-धीरे विजय काफी उदास रहने लगा था डर के मारे वह कुछ ना खाता था ना पीता था।

एक बार उसकी की बहन उसके घर आई। और कहने लगी कि आजकल तुम कुछ खाते पीते नहीं हो और घर के पीछे इतना कचरे का ढेर क्यों लगा हुआ है,

बहन की बात सुनकर विजय जोर जोर से रोने लगा और बहन के गले लग गया। और कहने लगा मैं क्या बताऊं मैं बहुत मुश्किल में हूं मेरी पत्नी कोई आम स्त्री नहीं है बल्कि एक चीता चुड़ैल है। दिन में स्त्री बनी होती है, और रात को चीता बनकर गांव वालों का शिकार करती है।

विजय की बात सुनकर उसकी बहन को उस पर पूरा विश्वास हो गया, और कहा तुम चिंता मत करो, मैं तुम्हें इस चुड़ैल से छुटकारा दिलाऊंगी। इसके बाद वह अपने पति के घर वापस चली गई। उसकी बहन का पति बहुत बड़ा शिकारी था। उसने पूरी बात अपने पति को बताई।

उसके पति ने बोला कि चीता चुड़ैल कोई साधारण बात नहीं है। जब एक तेंदुआ मर जाता है और एक कुंवारी लड़की उसे मरते हुए देखती है, तो तेंदुए की आत्मा उस लड़की के शरीर में आ जाती है।

जैसे ही चाँद निकलता है, वह एक तेंदुआ बन जाती है और शिकार पर निकल जाती है लेकिन अमावस्या पर चांद नहीं निकलता है। और इस दिन उसकी शक्ति सबसे कम होती है और उसी दिन उससे छुटकारा पाने का उपाय किया जा सकता है।

बहन ने पुजारी से पता किया तो उसने कहा की 2 दिन बाद अमावस्या है। विजय की बहन के पति ने 2 दिन बाद चीता चुड़ैल का शिकार करने की योजना बनाई।

वह गाँव के सबसे बड़े पुजारी के साथ विजय के घर गया। पुजारी ने कहा, “मैं अपने तरीके से लड़की को घर से बाहर बुलाऊंगा, फिर आपको उसके दो आँखों के बीच अपने तीरों से मारना होगा क्योंकि उस जगह पर तीर चलाने से तेंदुए की आत्मा हमेशा के लिए लड़की के शरीर से अलग हो जाएगी।” वह तब विजय की पत्नी के रूप में विजय के साथ रह सकेगी। और अगर तीर गलत जगह टकराता है, तो चुड़ैल पूरे गांव को खा जाएगी।

जैसे ही रात हुई, पुजारी ने अपनी पूजा शुरू की। सारा गांव विजय के घर के बाहर डरा हुआ खड़ा था। जैसे ही पुजारी ने मंत्र पढ़ना शुरू किया वैसे ही वह चीते के रूप में बाहर आई।

बाहर आते ही वह बोली, अच्छा तो तुम मुझे मारना चाहते हो इसलिए अपने जीजा को भी लेकर आए हो अभी तुम्हे सबक सिखाती हूं। विजय के जीजा ने तीर से निशाना लगाया लेकिन तीर दोनों आंखों के बीच में नहीं लगा और उसकी दाहिनी आंख में लग जाता है। तीर लगते ही वह एक भयानक चुड़ैल में बदल गई।

और विजय की तरफ भाग कर आने लगी। विजय के हाथ में एक छोटा सा चाकू था। जैसे ही वह चुड़ैल विजय के पास आयी वैसे ही विजय ने चाकू से उसके दोनों आँखों के बीच में मार दिया। चाकू लगते ही चमत्कार हुआ और चुड़ैल पीछे की ओर गिर गई। फिर एक विशाल तेंदुआ उसके शरीर से बाहर आया और गायब हो गया। अब वहां पर एक युवती दिखाई दे रही थी जिसके साथ विजय का विवाह हुआ था।

पुजारी अपने मंत्रो से उसे वापस होश में लाया। होश में आते ही वो अपने आप को वहां देखकर हैरान हो गई। और बोली, मैं वीरेन गांव के मुखिया की बेटी सुमति हूँ। मुझे समझ में नहीं आ रहा है कि मैं यहां कैसे आ गई, मैं जंगल में अपने दोस्तों के साथ लकड़िया लेने आएगी थी तभी मैं अचानक से “तेंदुआ-तेंदुआ” चिल्लाने लगी फिर मैं बेहोश हो गई और अब होश में आयी। ग्रामीणों ने सुमति को पूरी बात बताई जिसे सुनकर वह डर गई।

तुरंत ही वीरेन गांव के मुखिया को संदेश भेजा गया उन्होंने विजय के गांव में आकर अपनी लड़की को पहचान लिया। जब उन्हें गांव वालों ने पूरी कहानी सुनाई गयी तो वे गांव वालों के आभारी हुए। और उन्होंने दोबारा विजय का विवाह सुमति के साथ धूमधाम से करा दिया।

उसके बाद कभी भी तेंदुआ चुड़ैल ने विजय के परिवार को या गांव वालों को कभी परेशान नहीं किया। और सब लोग ख़ुशी ख़ुशी रहने लगे।

तो दोस्तों कैसे लगी आपको हमारी यह तेंदुआ चुड़ैल की शादी की कहानी

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