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शेर और चूहा की अनोखी मित्रता

बहुत समय पहले, एक घने जंगल में केसरी नाम का एक शक्तिशाली शेर रहता था। वह जंगल का राजा था और सभी जानवर उससे डरते थे। केसरी अपनी ताकत पर बहुत गर्व करता था और छोटे जानवरों को कमजोर समझता था।

उसी जंगल में चिंकू नाम का एक छोटा चूहा भी रहता था। चिंकू बहुत चतुर और मेहनती था, लेकिन आकार में बहुत छोटा था। वह हमेशा बड़े जानवरों से दूर रहने की कोशिश करता था।

एक दिन दोपहर में, शेर केसरी एक पेड़ की छाया में आराम कर रहा था। गर्मी के कारण वह गहरी नींद में सो गया। उसी समय चिंकू चूहा खाना ढूंढते हुए वहाँ पहुँचा। उसे एक स्वादिष्ट फल दिखाई दिया जो शेर के पास ही पड़ा था।

चिंकू ने सोचा, “शेर सो रहा है, मैं चुपचाप फल ले लूंगा।” लेकिन जब वह फल उठाने के लिए शेर के पास गया, तो गलती से उसका पैर शेर की नाक पर पड़ गया।

शेर तुरंत जाग गया और गुस्से से दहाड़ा, “कौन है जिसने मेरी नींद खराब की है?” उसने चिंकू को अपने पंजे में दबा लिया।

चिंकू डर गया लेकिन हिम्मत करके बोला, “महाराज, मुझसे गलती हुई है। कृपया मुझे माफ कर दीजिए। मैं आपका कोई नुकसान नहीं कर सकता।”

शेर हंसते हुए बोला, “तुम जैसा छोटा जीव मेरा क्या बिगाड़ सकता है? लेकिन मेरी नींद खराब करने की सजा तो मिलनी चाहिए।”

चिंकू ने विनम्रता से कहा, “महाराज, आज आप मुझे छोड़ दें। हो सकता है कभी मैं आपके काम आ सकूं।”

यह सुनकर शेर जोर से हंसा, “तुम मेरे काम आओगे? यह तो बहुत मजेदार बात है!” फिर उसने सोचा कि इतने छोटे जीव को मारने में कोई बहादुरी नहीं है, इसलिए उसने चिंकू को छोड़ दिया।

कुछ दिन बाद, शेर शिकार की तलाश में जंगल में घूम रहा था। अचानक वह शिकारियों के जाल में फंस गया। जाल बहुत मजबूत था और शेर कितनी भी कोशिश करे, वह निकल नहीं पा रहा था। वह जोर-जोर से दहाड़ने लगा।

चिंकू ने शेर की आवाज सुनी और तुरंत वहाँ पहुँचा। उसने देखा कि शेर जाल में फंसा हुआ है और बहुत परेशान है।

चिंकू ने कहा, “महाराज, घबराइए मत। मैं आपकी मदद करूंगा।”

शेर ने आश्चर्य से पूछा, “लेकिन तुम इतने छोटे हो, तुम कैसे मेरी मदद कर सकते हो?”

चिंकू मुस्कराया और बोला, “आकार से ताकत का पता नहीं चलता, महाराज।” उसने तुरंत अपने तेज दांतों से जाल की रस्सियों को कुतरना शुरू किया। थोड़ी देर में उसने पूरा जाल काट दिया और शेर आजाद हो गया।

शेर की आँखों में आंसू आ गए। उसने चिंकू से कहा, “मित्र, मैंने तुम्हें छोटा समझकर बहुत बड़ी गलती की थी। आज तुमने मेरी जान बचाई है।”

चिंकू ने कहा, “महाराज, मित्रता में छोटा-बड़ा नहीं होता। हम सभी एक-दूसरे के काम आ सकते हैं।”

उस दिन के बाद शेर और चूहा सच्चे मित्र बन गए। शेर ने जंगल के सभी जानवरों से कहा कि वे चिंकू का सम्मान करें और उसकी मदद करें।

कहानी की सीख: इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि किसी को भी उसके आकार या रूप-रंग के आधार पर छोटा नहीं समझना चाहिए। हर व्यक्ति में कुछ न कुछ खूबी होती है। दया और करुणा का फल हमेशा मिलता है। सच्ची मित्रता में कोई छोटा-बड़ा नहीं होता और मुसीबत के समय छोटे से छोटा मित्र भी बड़ी मदद कर सकता है।

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