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चोर और राक्षस की कहानी – बुद्धिमान खरगोश
एक समय की बात है, घने जंगल में एक बुद्धिमान खरगोश रहता था। उसका नाम था चतुर। वह अपनी समझदारी के लिए पूरे जंगल में प्रसिद्ध था। जंगल के पास ही एक गांव था, जहां एक कुटिल चोर रहता था।
यह चोर रोज रात के समय जंगल से गुजरकर गांव में चोरी करने जाता था। जंगल के जानवर उससे बहुत परेशान थे क्योंकि वह उनके फलों के पेड़ों को भी नुकसान पहुंचाता था।
एक दिन चतुर खरगोश ने देखा कि जंगल की गहराई में एक भयानक राक्षस आकर बस गया है। यह राक्षस बहुत क्रूर था और रात के समय जानवरों को डराता रहता था। अब जंगल के जानवरों की मुसीबत दोगुनी हो गई थी।
“कुछ तो करना होगा,” चतुर ने सोचा। “इन दोनों से छुटकारा पाना जरूरी है।”
चतुर ने एक चालाक योजना बनाई। अगली रात जब चोर जंगल से गुजर रहा था, चतुर उसके पास गया और बोला, “अरे भाई, तुम यहां क्यों आए हो? क्या तुम्हें पता नहीं कि यहां एक भयानक राक्षस रहता है?”
चोर हंसकर बोला, “छोटे खरगोश, मैं किसी से नहीं डरता। राक्षस-वाक्षस कुछ नहीं होता।”
चतुर ने कहा, “अच्छा, तो फिर तुम उस बड़े पेड़ के नीचे जाकर देखो। वहां एक गुफा है जहां वह रहता है। अगर तुम सच में बहादुर हो तो वहां जाकर उसे चुनौती दे दो।”
चोर के अहंकार को ठेस लगी और वह उस गुफा की तरफ चल दिया। चतुर भी चुपचाप उसके पीछे-पीछे गया।
जब चोर गुफा के पास पहुंचा, तो उसने जोर से आवाज लगाई, “अरे राक्षस! बाहर आ, मैं तुझसे लड़ने आया हूं!”
गुफा से भयानक आवाज आई, “कौन है जो मुझे परेशान कर रहा है?” राक्षस गुस्से में बाहर निकला।
राक्षस को देखकर चोर का होश उड़ गया। वह भागने लगा, लेकिन राक्षस उसके पीछे दौड़ा। दोनों में भयानक लड़ाई हुई। चोर अपनी सारी चालाकी का इस्तेमाल करके राक्षस से लड़ता रहा।
लड़ाई में दोनों बुरी तरह घायल हो गए। अंत में दोनों इतने कमजोर हो गए कि वे वहीं गिर पड़े और उनकी मृत्यु हो गई।
चतुर खरगोश यह सब छुपकर देख रहा था। जब उसने देखा कि दोनों मर गए हैं, तो वह बहुत खुश हुआ।
अगले दिन चतुर ने सभी जानवरों को बुलाया और कहा, “मित्रों, अब हमारा जंगल सुरक्षित है। चोर और राक्षस दोनों चले गए हैं।”
सभी जानवरों ने चतुर की बुद्धिमानी की प्रशंसा की। बूढ़े हाथी ने कहा, “चतुर, तुमने बिना किसी हिंसा के हमारी समस्या का समाधान कर दिया।”
चतुर ने मुस्कराते हुए कहा, “कभी-कभी बुद्धि का सही इस्तेमाल करके बड़ी से बड़ी समस्या का हल निकाला जा सकता है।”
नैतिक शिक्षा: यह कहानी हमें सिखाती है कि बुद्धि और सूझबूझ से हर समस्या का समाधान संभव है। बुराई अपने ही जाल में फंस जाती है। हमें हमेशा शांति से सोचकर और समझदारी से काम लेना चाहिए। चतुर खरगोश की तरह हमें भी कठिन परिस्थितियों में धैर्य रखकर सही रास्ता खोजना चाहिए।
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