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व्यापारी और जिन्न की अद्भुत कहानी

बहुत समय पहले की बात है, जब बगदाद शहर में एक धनी व्यापारी रहता था। उसका नाम अब्दुल्ला था और वह अपनी ईमानदारी के लिए पूरे शहर में प्रसिद्ध था। एक दिन वह अपने व्यापारिक काम से दूर देश जा रहा था।

रास्ते में उसे बहुत भूख लगी। उसने अपने थैले से खजूर निकाले और एक पेड़ की छाया में बैठकर खाने लगा। खजूर खाने के बाद उसने खजूर का बीज दूर फेंक दिया। अचानक धरती हिलने लगी और एक विशालकाय जिन्न प्रकट हुआ।

जिन्न ने गुस्से में कहा, “हे व्यापारी! तूने मेरे पुत्र की हत्या की है। तेरे फेंके गए खजूर के बीज से मेरा बेटा मर गया है।”

व्यापारी घबरा गया और बोला, “हे महान जिन्न! यह तो अनजाने में हुआ है। मैंने जानबूझकर किसी को नुकसान नहीं पहुंचाया।”

लेकिन जिन्न ने कहा, “चाहे जानबूझकर हो या अनजाने में, मेरे बेटे की मौत हुई है। अब मैं तुझे मार डालूंगा।”

व्यापारी ने हाथ जोड़कर कहा, “कृपया मुझे एक साल का समय दे दो। मैं अपने परिवार से मिलकर अपने कर्जे चुकता करूंगा, फिर वापस आकर अपनी सजा स्वीकार करूंगा।”

जिन्न को व्यापारी की ईमानदारी पर भरोसा था, इसलिए उसने एक साल का समय दे दिया।

व्यापारी घर पहुंचा और अपने परिवार को सब कुछ बताया। उसने अपने सारे कर्जे चुकताए, गरीबों में धन बांटा और ठीक एक साल बाद उसी स्थान पर पहुंच गया जहां जिन्न से मुलाकात हुई थी।

जिन्न प्रकट हुआ और बोला, “तू सच में वापस आ गया! तेरी ईमानदारी देखकर मैं प्रभावित हूं।”

तभी वहां तीन बुजुर्ग आए। पहले बुजुर्ग के साथ एक हिरण था, दूसरे के साथ दो काले कुत्ते थे, और तीसरे के साथ एक खच्चर था।

पहले बुजुर्ग ने जिन्न से कहा, “यदि मैं तुम्हें अपनी अद्भुत कहानी सुनाऊं और तुम प्रभावित हो जाओ, तो क्या तुम इस व्यापारी की एक तिहाई सजा माफ कर दोगे?”

जिन्न ने हामी भरी। बुजुर्ग ने बताया कि हिरण उसकी पत्नी है जो जादू के कारण इस रूप में बदल गई थी। उसकी कहानी सुनकर जिन्न ने व्यापारी की एक तिहाई सजा माफ कर दी।

दूसरे बुजुर्ग ने बताया कि दो काले कुत्ते उसके सौतेले भाई हैं जो लालच के कारण इस रूप में बदल गए थे। जिन्न ने दूसरी एक तिहाई सजा भी माफ कर दी।

तीसरे बुजुर्ग ने कहा कि खच्चर उसकी पत्नी है जो अपने बुरे कर्मों के कारण इस रूप में है। उसकी कहानी सुनकर जिन्न ने बची हुई सजा भी माफ कर दी।

जिन्न ने व्यापारी से कहा, “तेरी ईमानदारी और इन बुजुर्गों की कहानियों ने मेरा दिल पिघला दिया है। मैं तुझे पूरी तरह से माफ करता हूं।”

व्यापारी खुशी से झूम उठा और सभी को धन्यवाद देकर अपने घर चला गया। उसने जीवन भर अच्छे कर्म किए और खुशी से जीवन बिताया।

सीख: यह कहानी हमें सिखाती है कि ईमानदारी और सच्चाई की हमेशा जीत होती है। अनजाने में हुई गलती के लिए भी हमें जिम्मेदारी लेनी चाहिए, और दया तथा क्षमा की शक्ति सबसे बड़ी होती है।

इस कहानी में व्यापारी की ईमानदारी का महत्व दर्शाया गया है, जो हमें यह सिखाता है कि कठिनाइयों में भी हमें अपने मूल्यों को नहीं छोड़ना चाहिए।

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