Summarize this Article with:

गिलहरी और कुत्ता की अनोखी मित्रता
एक घने जंगल में एक बड़ा बरगद का पेड़ था। उस पेड़ की खोखली डाली में चिंकी नाम की एक छोटी गिलहरी रहती थी। चिंकी बहुत ही चंचल और मेहनती थी। वह रोज सुबह जल्दी उठकर अपने सर्दियों के लिए मेवे इकट्ठे करती थी।
उसी जंगल में टॉमी नाम का एक कुत्ता भी रहता था। टॉमी बहुत ही दयालु और मददगार था, लेकिन वह अकेला था और उसका कोई दोस्त नहीं था। वह अक्सर उदास रहता था।
एक दिन चिंकी पेड़ से नीचे गिरे हुए बादाम इकट्ठे कर रही थी। अचानक एक बड़ी बिल्ली वहाँ आ गई और चिंकी को पकड़ने के लिए दौड़ी। चिंकी डर गई और जोर से चीखने लगी – “बचाओ! बचाओ! कोई मेरी मदद करो!”
टॉमी ने चिंकी की आवाज़ सुनी और तुरंत दौड़कर वहाँ पहुँचा। उसने बिल्ली को भगा दिया और चिंकी की जान बचाई। गिलहरी और कुत्ता की यह पहली मुलाकात थी।
“धन्यवाद टॉमी भैया! आपने मेरी जान बचाई है,” चिंकी ने कृतज्ञता से कहा।
“कोई बात नहीं चिंकी बहन। हमें एक-दूसरे की मदद करनी चाहिए,” टॉमी ने मुस्कराते हुए कहा।
उस दिन के बाद से गिलहरी और कुत्ता अच्छे दोस्त बन गए। चिंकी रोज टॉमी के लिए मीठे फल लाती थी और टॉमी उसकी सुरक्षा करता था।
कुछ दिनों बाद जंगल में भयानक आंधी आई। तेज़ हवा और बारिश से सभी जानवर परेशान हो गए। चिंकी का घर भी क्षतिग्रस्त हो गया और उसके सारे मेवे बह गए।
चिंकी बहुत दुखी हो गई। उसकी आँखों में आंसू आ गए और वह सोचने लगी कि अब सर्दियों में वह क्या खाएगी।
जब टॉमी को पता चला तो वह तुरंत चिंकी के पास आया। “चिंता मत करो चिंकी। मैं तुम्हारी मदद करूंगा,” टॉमी ने कहा।
टॉमी ने पूरे जंगल में घूम-घूमकर चिंकी के लिए मेवे, फल और बीज इकट्ठे किए। उसने अपनी गुफा का एक हिस्सा भी चिंकी को दे दिया ताकि वह सुरक्षित रह सके।
गिलहरी और कुत्ता मिलकर नया घर बनाने लगे। चिंकी अपनी फुर्ती से छोटी-छोटी टहनियाँ लाती थी और टॉमी बड़े पत्ते और घास लाता था।
जल्द ही उनका सुंदर घर तैयार हो गया। अब वे दोनों खुशी-खुशी साथ रहने लगे। चिंकी टॉमी के लिए स्वादिष्ट व्यंजन बनाती थी और टॉमी उसे कहानियाँ सुनाता था।
एक दिन जंगल के राजा शेर ने घोषणा की कि जो भी जानवर सबसे अच्छी मित्रता का उदाहरण पेश करेगा, उसे विशेष सम्मान मिलेगा।
सभी जानवरों ने गिलहरी और कुत्ता की मित्रता की प्रशंसा की। शेर राजा भी उनकी मित्रता से बहुत प्रभावित हुआ।
“तुम दोनों ने सिखाया है कि सच्ची मित्रता में जाति-पाति, छोटे-बड़े का भेद नहीं होता। मित्रता केवल दिल से होती है,” शेर राजा ने कहा।
शेर राजा ने चिंकी और टॉमी को ‘सच्चे मित्र’ का खिताब दिया। पूरे जंगल में उनकी मित्रता की कहानी फैल गई।
चिंकी और टॉमी हमेशा खुश रहते थे क्योंकि उन्होंने सीखा था कि सच्चा दोस्त वही होता है जो मुश्किल समय में साथ खड़ा रहे।
कहानी की सीख: इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि सच्ची मित्रता में आकार, जाति या रूप-रंग का कोई भेद नहीं होता। एक अच्छा दोस्त वह होता है जो हर परिस्थिति में हमारा साथ देता है और हमारी मदद करता है। गिलहरी और कुत्ता की तरह हमें भी अपने दोस्तों की मदद करनी चाहिए और उनके साथ प्रेम से रहना चाहिए। सच्ची मित्रता का एक और उदाहरण जानने के लिए इस कहानी को पढ़ें।















