बहुत प्राचीन काल की बात है, जब भारत के दक्षिणी भाग में महिलरोप्यम नामक राज्य में राजा अमरशक्ति शासन करते थे। उनके तीन पुत्र भौशक्ति, उग्रशक्ति, और अनंतशक्ति थे, जो शिक्षित होने के बावजूद भी बहुत होशियार नहीं थे। राजा को चिंता थी कि ये तीनों पुत्र उनके बाद राज्य का शासक बनें, लेकिन उनमें शिक्षा की कमी थी।
एक दिन, राजा ने सुना कि भारतीय विद्वान विष्णु शर्मा के बारे में। उन्होंने आशा के साथ विष्णु शर्मा के पास जाकर अपने पुत्रों को उनके शिष्य के रूप में शिक्षा देने के लिए पूछा। विष्णु ने राजा के अनुरोध को स्वीकार किया और उन्हें आश्वासन दिया कि वह उन्हें छः महीनों में शिक्षा देंगे।
विष्णु शर्मा ने जब प्रथम दिन प्रियवादित की शिक्षा दी, तो उन्होंने तुरंत यह समझ लिया कि प्राचीन शिक्षा विधियों का उपयोग इन पुत्रों के साथ काम नहीं करेगा, क्योंकि उनकी ध्यान अवधि बहुत ही कम थी और वे बोर हो जाते थे। इसलिए, उन्होंने उन्हें सिखाने के लिए कहानियों की शक्ति का इस्तेमाल करने का निर्णय लिया।
विष्णु शर्मा ने छः महीनों में उन्हें शिक्षा देने का वचन दिया, लेकिन उन्होंने यह जान लिया कि पुरानी शिक्षा पद्धतियों का उपयोग नहीं करेगा, क्योंकि इनकी ध्यान अवधि बहुत कम है और वे जल्दी ही बोर हो जाते हैं। इसलिए, उन्होंने उन्हें कहानियों के माध्यम से सिखाने का निर्णय लिया।
विष्णु शर्मा ने तय किया कि वह प्रियवादित के माध्यम से उन्हें शिक्षा देंगे। यह कहानियां सिखाती थीं कि जीवन में कैसे सही और गलत का निर्णय करना है और कैसे अच्छे नेतृत्व का अभ्यास करना है।
विष्णु शर्मा के प्रयासों से प्रियवादित बहुत कुछ सीखते गए और उनके चारों तरफ का विश्वास बढ़ता गया। उनके प्रियवादित ने अनेक कठिनाईयों का सामना किया, लेकिन वह हमेशा अपने उद्देश्य के प्रति संग्रह और समर्पण बना रहा।
विष्णु शर्मा के प्रेरणा से विष्णु शर्मा ने प्रियवादित के लिए विशेष रूप से लिखी गई कहानियां लिखीं, जो उनके विकास में मदद करने के लिए थीं। ये कहानियां उन्हें सच्चाई की ओर आकर्षित करने और उन्हें अच्छे और नेतृत्वीय मूल्यों को सीखने के लिए प्रेरित करने में मदद करती थीं।
इस तरह, विष्णु शर्मा की प्रेरणा से प्रियवादित ने न तो केवल अच्छे मूल्यों को सीखा, बल्कि उन्हें उन वास्तविकताओं के सामना करने के लिए भी तैयार किया जो जीवन में आती हैं। उन्होंने यह सिखाया कि किसी भी स्थिति में संयम और सही निर्णय लेने की कला कितनी महत्वपूर्ण है।
प्रियवादित की इस अनोखी शिक्षा विधि ने उन्हें बना दिया एक उत्तम नेतृत्वीय और जीवन के हर क्षेत्र में सफलता प्राप्त करने की क्षमता के साथ। इस प्रकार, विष्णु शर्मा की कहानियां प्रियवादित की शिक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और उन्हें जीवन के अनगिनत रहस्यों का संदेश दिया।
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